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अब सोच-समझकर ही बोलती हूं- कोंकणा

नई दिल्ली,  अपने जीवंत अभिनय के लिए प्रख्यात अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा का कहना है कि अब वह कुछ भी कहने से पहले बेहद सचेत रहती हैं, क्योंकि पहले की अपेक्षा समाज में उदारता कम हुई है। समाचार चैनल  के कार्यक्रम ऑफ सेंटर में कोंकणा ने कहा, मैं पहले से अधिक असहज और असुरक्षित महसूस करने लगी हूं। इससे पहले कभी भी मैंने कुछ कहने से पहले खुद को इतना सचेत नहीं पाया।

मेरे खयाल से इसका सार यही है कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि दुनिया में मौजूद सात अरब की आबादी एक जैसी नहीं है और इसमें कोई खराबी नहीं है। ढेरों संस्कृतियां हैं और ऐसी अनेक चीजें हैं जो हमें अलग करती हैं। कोंकणा ने कहा, हमने खुद को अलग करने वाली ढेरों चीजें इजाद की हैं कि हम यह भूल जाते हैं कि हम सभी में कितना कुछ एक जैसा भी है।

हम खुद को लैंगिक, यौन इच्छा, जाति, धर्म या देश चाहे जिस पहचान के तौर पर देखें, तो पाएंगे कि हमने ऐसे रास्ते तैयार किए हैं, जो हमें परत दर परत बांटते चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को एकजुटता के बारे में अधिक सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर लोग एकजुटता पर अधिक से अधिक ध्यान दें और विविधताओं का जश्न मनाएं तथा यह स्वीकार करें कि हमसे अलग तरह के लोग खतरा नहीं हैं। मेरे खयाल से दुनिया की अधिकतर समस्याओं के मूल में यही है।