लखनऊ, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की प्रान्तीय कार्यसमिति की बैठक में पदोन्नतियों में आरक्षण संवैधानिक संशोधन बिल को लोकसभा से पास कराने व आरक्षण बचाओ महाअभियान के तहत मिशन 2017 को सफल बनाने हेतू मई, 2016 से मार्च 2017 तक चलाये जाने वाले श्रंखलाबद्ध आन्दोलन की विधिवत् घोषणा कर दी गयी है। जिसके तहत इन 11 महीनों में 6 महारैली, 5 मोटर साइकिल रैली, 12 महासम्मेलन/सम्मेलन व 7 धरना प्रदर्शन पूरे प्रदेश में आयोजित किये जायेंगे। इस क्रम में 14 मई 2016 को इसकी शुरूआत राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक काकोरी ब्लाक से की जायेगी। जहां पर मोटर साइकिल रैली के साथ एक महासम्मेलन किया जायेगा। संघर्ष समिति ने यह ऐलान किया है कि प्रत्येक माह कम से कम 3 कार्यक्रम प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आयोजित होंगे, जिसमें अनिवार्य रूप से एक कार्यक्रम शहर में व एक कार्यक्रम गांव में आयोजित किया जायेगा। अब आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का नारा होगा कि आरक्षण समर्थक सरकार बनाने के लिए चलो गांव की ओर। संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि जिस प्रकार से सपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में लाखों दलित कार्मिकों का अपमान किया है, अब उसका हिसाब बराबर करने का समय नजदीक है। सभी को जागरूक होकर संघर्ष के लिए हर पल करो मरो के तहत तैयार रहना है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, इं. केबी राम, डाॅ. रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, इं. अनिल कुमार, इं. अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, महेन्द्र सिंह, पीएम प्रभाकर, दिग्विजय सिंह, रीना रजक, बीना दयाल, दिनेश कुमार, लेखराम, प्रेम चन्द्र, अशोक सोनकर, बनी सिंह, जितेन्द्र कुमार, कृपा शंकर, सुशील कुमार, अजय कुमार, चमन लाल भारती, श्रीनिवास राव, प्रभु शंकर राव, बृजेश गौतम, वीरपाल, रामेन्द्र कुमार, विनोद कुमार, सुरेश कनौजिया ने कहा कि अब आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति आरक्षण बचाओ महाअभियान के तहत आरक्षण विरोधी सरकारों को सत्ता से रिवर्ट कराकर आरक्षण समर्थक सरकार बनाने के बाद ही दम लेगी। जिस प्रकार से सपा व भाजपा द्वारा आपसी गुपचुप गठजोड़ से आरक्षण पर कुठाराघात किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि दलित समाज अपने इस अपमान का बदला आरक्षण विरोधी सरकारों को रिवर्ट कराकर लेगी। भाजपा की मोदी सरकार द्वारा जिस प्रकार से बाबा साहब के नाम पर दलित समाज को गुमराह किया जा रहा है और लोकसभा में लम्बित बिल को लटकाया गया है। आरक्षण समर्थक भाजपा का हाल उप्र में भी बिहार जैसा ही करेंगे।