नयी दिल्ली, कांग्रेस ने सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण को आंकड़ों का खेल बताते हुए कहा है कि वह वास्तविकता से बहुत दूर है और जो अनुमानित में लगाए गए हैं आर्थिक विकास दर उससे बहुत कम है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में सकल घरेलू उत्पाद – जीडीपी 6.5 प्रतिशत नयी सामान्य नई विकास दर है। साल 2022 के आर्थिक सर्वेक्षण में 22-23 के लिए 8 से 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान था जबकि वास्तविक विकास दर लगभग 07 प्रतिशत है। इसी तरह से अब 2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी 23-24 के लिए 6 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि यह वास्तविक रूप रूप से 5.44 प्रतिशत हैं। सर्वेक्षण के अनुसार महामारी खत्म हो गई है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अमेरिकी फेड की नीतिगत दरों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए रुपये पर दबाव रहेगा और इसमें गिरावट की संभावना बनी हुई है। वैश्विक कमोडिटी कीमतें ऊंची हैं इसलिए चालू खाता घाटा बढ़ना जारी रह सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के अनुसार वित्त वर्ष 24 के लिए जीडीपी वृद्धि नाममात्र के लिए 11 प्रतिशत अनुमानित है। इस हिसाब से नाममात्र जीडीपी के साथ,वित्त वर्ष 24 में सकल कर राजस्व वृद्धि दर 2023 में 15.5 की तुलना में लगभग 8 से 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इस सकल राजस्व वृद्धि दर में वित्त वर्ष 24 में राजकोषीय घाटे पर और दबाव बनेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि पिछले छह महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में कमी चल रही है लेकिन देश के उपभोक्ता को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है जिसके कारण मुद्रास्फीति दर उच्चतम सीमा से ऊपर है। उन्होंने कहा , “ इसी तरह से 2021 में हमारी मानव विकास सूचकांक रैंकिंग 191 देशों में 132 रही थी जबकि 2020 में हमारी रैंक 130 थी।”