नई दिल्ली, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कथित तौर पर पांच कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, प्रधान पुस्तकालयाध्यक्षों और शारीरिक शिक्षा निदेशकों और राज्य में एक पशु चिकित्सा विज्ञान संस्करण के लिए नए वेतनमान के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इन सभी को अब सातवें वेतन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप वेतनमान मिलेगा. 24 जून को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 जनवरी 2017 से देय नए वेतनमान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
बयान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2018 तक एरियर का भुगतान किया जाएगा और धनराशि भविष्य निधि खातों में जमा की जाएगी. इस बीच, 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए शिक्षकों को 1 जुलाई 2019, 1 अक्टूबर 2019 और 1 जनवरी 2020 को 30: 30: 40 के अनुपात में तीन किस्तों में बकाया मिलेगा. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जयपुर के जोबनेर में राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा और श्री कर्णेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के लिए नए वेतनमान को मंजूरी दी गई है.
सरकारी कर्मचारियों को ये जानना अनिवार्य होगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मोदी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और उनका मानना है कि नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनके लिए बजट में अच्छी खबरें लेकर आएंगी. केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अपने वर्तमान मूल वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. वर्तमान में उन्हें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मिल रहा है, लेकिन 8000 रुपये की वृद्धि की मांग है. इसका मतलब है कि वे चाहते हैं कि केंद्र 26,000 रुपये के संशोधित वेतन पाने के लिए फिटमेंट फैक्टर को 3.68 गुना बढ़ाए.