ईवीएम पर चुनौती: सीपीएम ने जताया विश्वास, एनसीपी ने कहा दिखावा
June 4, 2017
नई दिल्ली, चुनाव आयोग की इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन को हैक करने की चुनौती को शनिवार को किसी राजनीतिक दल ने नहीं स्वीकारी। हालांकि दो राजनीतिक दलों ने जानकारी हेतु इसमें भाग लिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने ईवीएम पर पूर्ण विश्वास जताया तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इसे केवल एक दिखावा बताया।
दिनभर की इस चुनौती के बाद दिल्ली में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि चुनौती में केवल दो राजनीतिक दलों एनसीपी और सीपीएम ने भाग लेने में अपनी रुचि दिखाई। उन्होंने बताया कि सीपीएम केवल ईवीएम की विस्तार में जानकारी जाननी चाहती थी। उसने आयोग की तकनीकी टीम से बातचीत की। पूर्ण तरह से संतुष्ट होने के बाद सीपीएम ने ईवीएम की कार्यप्रणाली पर पूर्ण रुप से संतोष व्यक्त किया और चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि समय-समय पर तकनीकी समुदाय के लिए जागरुकता अभियान चलाए जायें।
एनसीपी की ओर से सांसद वंदना चव्हाण के नेतृत्व में एक टीम ने भाग लिया जिसने चुनाव आयोग पर जानकारी नहीं देने और ईवीएम से जुड़ी पूर्व जानकारी न मुहैया कराने के मुद्दे पर चुनौती में भाग लेने से इनकार कर दिया। नसीम जैदी ने बताया कि एनसीपी ने कुल 8 मुद्दे उठाये जिनपर उन्हें उचित जवाब दिया गया।
उन्होंने बताया कि एनसीपी को प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनों के मेमोरी और मशीन नम्बर चाहिए थे जिसे आयोग ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह ईवीएम सील होने के कारण नहीं दिए जा सकते। एनसीपी की यह भी आपत्ति थी कि चुनाव आयोग 14 में से कोई मशीनें चुनने को कह रहा था। नसीम जैदी ने कहा कि एनसीपी की शंकाओं का मूल कारण महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों में प्रयोग की जाने वाली ईवीएम को लेकर था। आयोग ने उन्हें बताया कि वह ईवीएम राज्य चुनाव आयोग की हैं और उस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग एक अन्य संवैधानिक संस्था है जिसकी कार्यप्रणाली पर चुनाव आयोग कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। हालांकि आयोग ने एनसीपी को दोबारा इसमें भाग लेने का आमंत्रण दिया। जैदी ने एक बार फिर दोहराया कि अगले चुनाव में प्रत्येक पोलिंग स्टेशन में वीवीपीएटी मशीन प्रयोग की जायेंगी जिससे पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि यह हैकथॉन नहीं था यह केवल एक चुनौती थी। चुनाव आयोग ने आज की पूरी मेहनत को जीत-हार से जोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि यह जीत-हार का प्रश्न नहीं है बल्कि साझा समझ विकसित करने का माध्यम है। हम इसे हार न कहेंगे जीत कहेंगे। जैदी ने कहा कि आज की चुनौती में पंजाब उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश की 12 सीटों से 14 ईवीएम ली गई थी।
पहली चुनौती थी कोड निकालकर उसके आधार पर हैक करने की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले चरण में उन्हें ईवीएम से जुड़ी जानकारी देने की बात कही थी। दूसरी में उसे खोल सकने की भी अनुमति थी लेकिन किसी ने भी इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी करने की चुनौती केवल एक पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने स्वीकारी थी।
आम आदमी पार्टी (आप) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने 3 जून को सुबह 10 से 2 बजे तक कुछ नियमों के तहत एक चुनौती राजनीतिक पार्टियों के समक्ष रखी थी। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि उसकी इस चुनौती पर 8 राजनीतिक पार्टियों ने अपना जवाब भेजा था। आप और कांग्रेस ने कुछ आपत्तियों के साथ मौजूदा नियमावली में बदलाव की मांग की थी लेकिन भाग लेने पर कोई रुचि नहीं जताई।
इसके अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने इस चुनौती को दर्शक के तौर पर देखने की में रूचि जताई थी। इसके अलावा एनआर कांग्रेस कहा है कि वह चुनौती में भाग नहीं लेंगे।
आयोग ने 20 मई को ऐलान किया था कि ईवीएम को हैक करने और उनमें छेड़छाड़ की चुनौती तीन जून को दी जाएगी और इसमें भाग लेने के लिए सात मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल और 49 प्रादेशिक पार्टियां 26 मई शाम पांच बजे तक आवेदन कर सकती हैं।