देहरादून, उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अपने सभी वर्तमान विधायकों पर दांव खेलने को तैयार है। कांग्रेस पार्टी अपने सभी वर्तमान विधायकों को हालांकि जिताऊ नहीं मान रही है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि टिकट देने का कारण इन विधायकों का संकट के समय सरकार और पार्टी के प्रति वफादारी दिखाना है।
कांग्रेस पीडीएफ कोटे के मंत्रियों को भी टिकट पार्टी सिंबल पर देने की भी मशक्कत कर रही है। कांग्रेस की मंशा इस बार परंपरागत तरीके से नामांकन के बदले शुरुआत में ही टिकट आवंटन करने की है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी पारा चढऩे लगा है। कांग्रेस में टिकट के दावेदार इन दिनों दिल्ली से देहरादून दौड़ लगा रहे हैं।
प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी इस सिलसिले में देहरादून आकर आला नेताओं से मुलाकात कर चुकी है। यहां तक कि चुनाव प्रभारी कुमारी शैलजाए प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अौर मुख्यमंत्री से इस संबंध में फीडबैक ले चुकी हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत और कई अन्य कांग्रेस नेता देहरादून में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से सियासी समीकरण पर मंथन कर चुके हैं।
ऐसा माना ना जा रहा है कि सभी वर्तमान विधायकों का टिकट तय है। सरकार के समय सुख.दुख में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी होने वाली पीडीएफ इस समय टिकट बंटवारे में सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। सूत्रों की मानें तो अब बात केवल प्रीतम पंवार पर अटकी हुई है। तमाम प्रयासों के बावजूद प्रीतम पंवार निर्दलीय लडने की अपनी बात पर अडिग हैं। संगठन व सरकार में पीडीएफ को लेकर पहले ही काफी तकरार हो चुकी है। ऐसे में पूरा जोर पंवार को कांग्रेस में लाने पर है।