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उदित राज की गिरफ्तार लोकतांत्रिक अधिकारियों का हनन: कांग्रेस

नयी दिल्ली, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर उदित राज की गिरफ्तारी की निंदा की है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार देते हुये कहा है कि पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई मुखरता और निडरता से लड़ती रहेगी।

देवेंद्र यादव ने सोमवार को कहा, “ आज दिन दिल्ली के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में जाना जायेगा, क्योंकि दलित समाज की मुखर आवाज डॉ उदित राज को सिर्फ़ इसलिये गिरफ़्तार किया गया कि वह समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों की आवाज उठा रहे थे। ”

उन्होंने कहा कि डॉ. उदित राज आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल से बौद्ध विहार, वाल्मीकि मंदिरों, रविदास मंदिरों के पुजारियों और चर्चों के पादरियों के लिये 18000 रुपये मासिक देने की मांग उनके निवास पर कर रहे थे, क्योंकि श्री केजरीवाल ने ग्रंथियों और पुजारियों को ही 18000 रुपये मासिक देने की घोषणा की है।

उन्होंने कहा, “डॉ. उदित राज की गिरफ़्तारी की सूचना मिलते ही मेरे साथ कांग्रेस के तमाम नेता मंदिर मार्ग थाने पहुंचे और हमारे नेता के साथ हो रहे अन्याय के ख़लिफ़ दृढ़ता से साथ दिया। सामाजिक न्याय की लड़ाई कांग्रेस पार्टी मुखरता और निडरता से लड़ेगी। ”

कांग्रेस नेता कहा, “ हम यह बात लागातार कहते रहे है कि श्री केजरीवाल की 10 वर्षों से सरकार दिल्ली में है और तीन वर्षों से पंजाब में है। वह दलितों पर लगातार कुठाराघात कर रहे हैं। दलितों के हकों की आवाज उठाने पर डॉ. उदित राज को पुलिस द्वारा हिरासत में लेना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। ”

उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल का दलित और अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा उजागर हो गया, क्योंकि जब दलितों के अधिकारों की हम लड़ाई लड़ते है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और और आप दोनों को दिक्कत होती है। श्री केजरीवाल ने 11 वर्षों में एक भी दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति को राज्य सभा सांसद नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल का दलित विरोधी चेहरा साफ दिखाई देता है, क्योंकि अगर कोई अपने हकों की बात करता है, तो उसे वह पार्टी से निकाल देते हैं, जैसे डॉ अम्बेडकर की बात करने पर अपने मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम को निकाल दिया। इसी तरह श्री राजकुमार आनंद को भी दलित के हक की बात करने पर निकाला गया था।

देवेंद्र यादव ने कहा कि श्री केजरीवाल और उनकी पार्टी की दलित विरोधी गतिविधि की दिल्ली नगर निगम में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को लगातार दो वर्ष तक महापौर बनाकर रखा, जब कांग्रेस ने दलित महापौर नियुक्त करने की बात कही, तब सिर्फ चार महीने के लिये दलित व्यक्ति को महापौर बनाया। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल का दलित विरोधी चेहरा दिल्ली वालों के सामने आ चुका है। उन्होंने कहा, “ वह (श्री केजरीवाल) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से सलाह लेना बंद करें और दिल्ली की जरुरतों को पूरा करने के लिये काम करें। ”

उन्होंने कहा कि पांच फरवरी को चुनावों में जनता ने आम आदमी पार्टी को हराने का मन बना चुकी है।

डॉ उदित राज सोमवार को श्री केजरीवाल के निवास के बाहर बौद्ध भिक्षु, गुरु रविदास और भगवान वाल्मीकि के पुजारियों को हर महीने 18,000 रुपये वेतन देने की मांग को लेकर घर धरना दे रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मंदिर मार्ग थाने लेकर गयी। इस घटना की जानकारी मिलने पर दिल्ली कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मंदिर मार्ग थाने पहुंचे। बाद में डॉ उदित राज को पुलिस ने छोड़ दिया।