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एक्ट्रैस स्नेहा वाघ ने खोले, टी.वी सीरियल शेरे पंजाब.. के दिलचस्प राज

abha नई दिल्ली, अपनी बेहतरीन अदाकारी और खूबसूरती से दर्शको का दिल जीतने वाली टी.वी एक्ट्रैस स्नेहा वाघ छोटे से ब्रेक के बाद टेलीविजन पर लाइफ ओके चैनल के धारावहिक शेरे पंजाब महराजा रंजीत सिंह से वापसी कर रही है.  पेश है होटल ताज मानसिंह मे   टीवी स्टार स्नेहा वाघ से टी वी जर्नलिस्ट आभा यादव से हुई बातचीत के कुछ अंश-

आभा यादव -अाज कल लोग फैमली ड्रामा ज्यादा देखते है, एेसे मे एक ब्रेक के बाद एेतिहासिक सीरियल करने की क्या वजह है.

स्नेहा वाघ- एेसा नही है , भारतीय इतिहास की विभिन्नता और भव्यता, सबके लिए उत्सुकता, प्रेरणा और आकर्षण का केन्द्र है. एेतिहासिक पृष्ठभूमि हमेशा से फिल्मो और टेलीवीजन का मनपंसद विषय है और एेसे शोज हमेशा से हमारे महानायको के पराक्रमो की कहानी  को पेश करते है. मेरी बहुत इच्छा थी कि हिस्टोरिकल और माइथोलाजिकल शो करुं और ये शो एेसा ही है.

आभा यादव– इस सीरियल मे आपका रोल कितना महत्वपूर्ण है?

स्नेहा वाघ- ये करैक्टर एेसा है जो लार्जर देन लाइफ है... ये साधारण रानी की कहानी नही है .इसमे मेरे किरदार का नाम राजकौर है जो रणजीत सिंह की मॉ और महासिंह की पत्नी हैं. जो पति की मौत के बाद बेटे की परवरिश के लिए संघर्ष करती नजर आयेगी. यह एक दमदार पंजाबी मॉ की भूमिका है.

आभा यादव– इस सीरियल की स्टोरी के बारे मे कुछ बताइये ?

स्नेहा वाघ-यह सीरियल एेसे बेमिसाल राजा की कहानी दिखायेगा जिसने शासन पर सेवा और सत्ता पर एकता को महत्व दिया. इसमे महाराजा रणजीत सिंह के व्यक्तिव के सारे पहलू दिखाये जायेगे जिनके सिद्धांतों ने उनके देश वासियों को प्रेरित किया और जिनकी कूटनीति ने उनके दुश्मनो, ब्रिटिशर्ज और अफगानो के मन मे खौफ पैदा किया.

आभा यादव– “एक वीर की अरदास वीरा” में मां की भूमिका करने के बाद , इतनी कम उम्र मे दोबारा मां का रोल करने की क्या वजह है?

स्नेहा वाघ- मैने कुछ तय नही किया था, ये होते- होते हो गया. मै सिर्फ अपना रोल देखती हूं कि कितना दमदार है. इसमे जब लोग मुझे देखेगें, तो यह महसूस करेंगे कि रोल कितना महत्वपूर्ण है.  इस मे जो मेरा रोल है वो उस समय का वुमेन इम्पावर्मेंट था, जो यह दिखाता है कि उस समय लोगो की सोच बहुत लिबरल थी और लोग महिलाओं को सिंहासन पर बैठा कर रियासत चलाते थे. अब लोगो की सोच छोटी हो गई है.

आभा यादव– इस रोल को करने के लिए आपने कितना हार्ड-वर्क किया?

स्नेहा वाघ-बहुत ज्यादा हार्डवर्क किया . हमेशा डर रहता था की कही मैं राजकौर कि भूमिका से भटक ना जाऊं, इस लिए उनके बारे मे पूरी रिसर्च की. क्योकि ये हिस्ट्री है और एेसा हो चुका है. तो दर्शको को वैसा ही दिखाना है जिससे वह वास्तिवक लगे और इसके लिए रानी की तरह बॉडी लैग्वेज,चलना, उठना- बैठना ,बोल-चाल वगैरह सब का कड़ा अभ्यास किया.

आभा यादव– इस सीरियल में सबसे ज्यादा चैलेंजिंग क्या लगा?

स्नेहा वाघ- एक्टिंग के अलावा ड्रेस सेलेक्शन, सबसे ज्यादा चैलेंजिंग लगा. वो रानी के हैवी कपडे पहन कर चलना मेरे वजन मे २० किलो और बढ़ा देता है,रानी की तरह बड़े बड़े लम्बे दुप्पटे पहन कर चलना दिक्कत वाला था जिसकी लम्बाई मैने कम करवाई. इसलिये एेसे कपड़ों और ज्वैलरी को घंटो पहन कर रिहर्सल करना काफी चुनौती पूर्ण रहा. मुझे उम्मीद है कि दर्शक जरूर इस रोल मे मुझे पसंद करेंगे और मेरे किरदार को याद रखेंगे.

आभा यादव, फ्रीलांस फिल्म-टीवी जर्नलिस्ट हैं।  हिंदुस्तान, हरिभूमि दैनिक समाचार पत्रों तथा गृहशोभा, गृहलक्ष्मी, सरिता, मुक्ता, सुमन सौरभ, सरस सलिल इत्यादि पत्र पत्रिकाओं तथा लोकप्रिय न्यूज पोर्टल news85.in मे आपके  लेख, फीचर, साक्षात्कार और स्थायी स्तंभ नियमित प्रकाशित होतें हैं। स्नेहा वाघ- एक्टिंग के अलावा ड्रेस सेलेक्शन, सबसे ज्यादा चैलेंजिंग लगा. वो रानी के हैवी कपडे पहन कर चलना मेरे वजन मे २० किलो और बढ़ा देता है,रानी की तरह बड़े बड़े लम्बे दुप्पटे पहन कर चलना दिक्कत वाला था जिसकी  लम्बाई मैने कम करवाई. इसलिये एेसे कपड़ों और ज्वैलरी को घंटो पहन कर रिहर्सल करना काफी चुनौती पूर्ण रहा. मुझे उम्मीद है कि दर्शक जरूर इस रोल मे मुझे पसंद करेंगे और मेरे किरदार को याद रखेंगे.
आभा यादव, फ्रीलांस फिल्म-टीवी जर्नलिस्ट हैं। हिंदुस्तान, हरिभूमि दैनिक समाचार पत्रों तथा गृहशोभा, गृहलक्ष्मी, सरिता, मुक्ता, सुमन सौरभ, सरस सलिल इत्यादि पत्र पत्रिकाओं तथा लोकप्रिय न्यूज पोर्टल news85.in मे आपके लेख, फीचर, साक्षात्कार और स्थायी स्तंभ नियमित प्रकाशित होतें हैं।

 

 

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