लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्य डा रागिनी सोनकर ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक असमानता के मौजूदा हालात से लगता है कि उत्तर प्रदेश काे एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य अगले 20 सालों में भी पूरा नहीं हो सकेगा।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मछलीशहर की विधायक डा रागिनी ने कहा कि प्रदेश की सरकार वन ट्रिलियन इकॉनमी का दावा कर रही है,जो कपोल कल्पना लगता है। सरकार देश को विश्वगुरु बनाने की बात कर रही हैं, लेकिन आज आर्थिक असमानता में देश विश्वगुरु बन चुका है। आज अमीर और अमीर होता चला जा रहा है गरीब और गरीब। सरकार के आंकड़े बताते हैं कि आज पूरे देश में 60 करोड़ लोग हैं जो कि सरकारी राशन पर आश्रित हैं। प्रति वर्ष छह करोड़ लोग ऐसे हैं जो गरीबी रेखा से नीचे चलते चले जा रहे हैं।
उन्होने कहा कि आरबीआई का आंकड़ा ये बता रहा हैकि आज से 2010, 2011 में जो मिडिल क्लास की आमदनी थी सेविंग थी, वो जीएसडीपी का 50 प्रतिशत हुआ करती थी और इस समय में 5.1 प्रतिशत पर आ गई है। आज गरीब और मध्यम वर्ग की पाकेट में कोई पैसा नहीं है। नियमित वेतनभोगी महिलाएं 22 प्रतिशत से गिर कर 16 प्रतिशत पर आ चुकी हैं। प्रदेश की छह करोड़ की आबादी प्रतिवर्ष गरीबी रेखा के नीचे चली जा रही है।
रागिनी सोनकर ने सवाल किया कि सरकार बताये कि वो कौन कौन से विभाग है जो सबसे ज्यादा और सबसे कम योगदान कर रहे हैं और किस तरीके से अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। आज स्थिति यह है कि आने वाले 20-25 सालों में भी हम वन् ट्रिलियन इकॉनमी तक नहीं पहुंच सकते हैं। हमे ट्वेंटी परसेंट ग्रोथ रेट की आवश्यकता है और यहाँ हमारा ग्रोथ रेट 10 पर्सेंट तक पहुंच पाया है।
उन्होने कहा कि सरकार बताये कि गरीबी रेखा के नीचे जा रहे लोग को ऊपर उठाने के लिए सरकार की क्या नीति आने वाली है क्योंकि पहले यह कहा गया था कि एक ट्रिलियन डालर की इकोनामी के लक्ष्य को हासिल करने के लिये कृषि विभाग को चार गुना काम करना पड़ेगा, उद्योगों को साढे तीन गुना काम करना पड़ेगा। जब आप 2017 से 2025 तक उस ग्रोथ रेट को नहीं कवर कर पाए हैं तो आगे आने वाले समय में आप वन ट्रिलियन इकॉनमी कैसे बनाएंगे।