नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ आज यहां आयोजित बैठक में ‘एक देश एक चुनाव’, आजादी के 75वें वर्ष में नये भारत के निर्माण सहित पांच महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
संसद के लायब्रेरी भवन में बुलायी गयी बैठक में संसद में प्रतिनिधित्व वाले दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। इसमें संसद के दोनों सदनाें में ज्यादा से ज्यादा कामकाज किये जाने , देश में सभी चुनाव एक साथ कराने, आजादी के 75 वें वर्ष में नये भारत के निर्माण , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से संबंधित समारोह तथा आकांक्षी जिलों के विकास के मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लेने की बात कही है। सुश्री बनर्जी ने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर कहा है कि वह इस बैठक में भाग नहीं ले पायेंगी क्योंकि ‘एक देश एक चुनाव’ का मुद्दा बहुत गंभीर और संवेदनशील है तथा इतने कम समय में सभी दलों की बैठक बुलाकर इस मसले के साथ न्याय नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काफी समय से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर देते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में भारी कमी आयेगी तथा चुनावों के कारण समय-समय पर लागू की जाने वाली आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में बाधा नहीं आयेगी।
सरकार की ओर से संसद का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की थी। श्री मोदी ने सोमवार को संसद सत्र शुरू होने से पूर्व मीडिया के समक्ष अपने वक्तव्य में कहा था कि लोकतंत्र में सक्रिय विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण है और विपक्षी दलों को सदन में अपनी सदस्य संख्या की चिंता नहीं करनी चाहिए। सरकार विपक्ष की बातों और उसकी भावना का सम्मान करती है।