रायबरेली, बाल दिवस की पूर्व संध्या पर बाल चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ सुनीता सिंह का पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर कहना है कि एम्स रायबरेली बच्चों की बीमारी के निवारण के लिए पूरी तरह से तत्पर्य और समृद्ध है इसलिए बच्चों के अभिभावकों को समय रहते बच्चों के रोगों के निवारण के लिये पूरा प्रयास करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली के मुंशीगंज में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रशासन व चिकित्सको ने जन मानस को जागरूक करने के उद्देश्य से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए आम लोगों से समय पर उपचार कराने की अपील की ।
एम्स के प्रवक्ता समीर शुक्ला ने रविवार को कहा कि बाल शल्य चिकित्सा विभाग में बच्चों की जन्मजात कई विकृतियों का सफलतापूर्वक निदान किया जा रहा है। बच्चों के मलद्वार में रुकावट (एनो रेक्टम मेलफोर्मेशन) और बच्चों का नियमित रूप से मल त्याग न करना (हर्ष सप्रंग) इन खास बीमारियों का इलाज संस्थान के कुशल चिकिसक डॉ सुनीता सिंह और डॉ रोहित कपूर ने किया है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर हर्ष सप्रंग बीमारी जिसमे नियमित तौर पर मल त्याग में रुकावट होती है यह बड़ी दुर्लभ मानी जाती है। इसका भी इलाज यहाँ ऑपरेशन द्वारा और दूरबीन विधि द्वारा दोनो ही प्रकार से हो रहा है।
गौरतलब है कि यहाँ के बाल शल्य चिकित्सा विभाग में पिछले छह माह से शल्य चिकित्सा आरम्भ हुई थी जिसमे अब तक 60 बच्चों के ऑपरेशन सफलता पूर्वक हुए है। मल द्वार में रुकावट के पांच बच्चों की सफल शल्य चिकित्सा हुई है।