पटना, बिहार के चर्चित सृजन घोटाला मामले में गिरफ्तार भागलपुर कल्याण विभाग में कार्यरत एक आरोपी की रविवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। उसकी मौत के लिए परिजन और विपक्ष सरकार और पुलिस पर कोताही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सृजन घोटाले में शामिल होने के आरोप में 13 अगस्त को गिरफ्तार भागलपुर जिला कल्याण विभाग से निलंबित नाजिर महेश मंडल की तबियत रविवार की रात भागलपुर जेल में बिगड़ गई।
आनन-फानन में जेल प्रशासन महेश को एक स्थानीय अस्पताल ले गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मंडल की किडनी खराब थी और उसे डायबिटीज की शिकायत थी। मंडल के परिजनों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर उनका इलाज सही समय पर नहीं कराया, जिस कारण उनकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मंडल इस मामले में कई लोगों का राज खोल सकते थे।
उल्लेखनीय है कि भागलपुर के सबौर स्थित स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में किया जाता है। पुलिस का दावा है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से चल रहा था। मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की अनुशंसा की है।
फिलहाल इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है। इस मामले में 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के घोटाले का आरोप है। अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इधर, महेश मंडल की मौत के बाद राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, सृजन महाघोटाले में पहली मौत। 13 गिरफ्तार, उनमें से एक की मौत।
मरने वाले भागलपुर में नीतीश की पार्टी के एक बहुत अमीर नेता के पिता थे। इधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने इसे व्यापमं से भी बड़ा घोटाला बताते हुए ट्वीट किया, सृजन घोटाले में गिरफ्तार जद नेता के पिता व आरोपी नाजिर महेश मंडल की देर रात जेल में विषम परिस्थितियों मे मौत। व्यापमं से भी व्यापक है सृजन।