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ओलम्पिक में श्रेष्ठ प्रदर्शन पर गोलकीपर सविता पूनिया की सर्वत्र सराहना

हिसार, गत दो दशक से हरियाणा में महिला हॉकी को प्रोत्साहन देने में लगे समाजसेवी योगराज शर्मा को भारतीय महिला हॉकी टीम के टोक्यो ओलम्पिक के सेमीफाइनल में पहुंचने पर सबसे ज्यादा प्रसन्नता हुई है क्योंकि कैमरी गांव और पुलिस लाईन में महिला हॉकी की शुरूआत कराने में उनकी अहम भूमिका थी।

श्री शर्मा ने आज यहां इस सफलता की उपलक्ष्य में लड्डू बांटे और खिलाड़ियों के परिजनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिला हॉकी टीम को यह मुकाम उसकी गोलकीपर सविता पूनिया के श्रेष्ठ प्रदर्शन बदौलत हासिल हुआ है। सविता के श्रेष्ठ प्रदर्शन की बदौलत ही वर्ष 2016 के रियो ओलम्पिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने 36 वर्षों के अंतराल बाद क्वार्टरफाईनल में किया था। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और खेल मंत्री संदीप सिंह को सविता पूनिया के श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये पांच करोड़ के पुरस्कार और एचसीएस की नौकरी तथा उसके कोच और सहायक स्टॉफ को भी सम्मानित करने की घोषणा करनी चाहिये।

टोक्यो ओलंपिक खेलों में ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारतीय हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने की खुशी में सोमवार को हिसार जिले में कई जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उमरा गांव में महिला हॉकी सैंटर के कोच और खिलाड़ियों ने गांव में रैली निकालकर भारतीय हॉकी टीम का हौंसला बढ़ाया और खुशी जाहिर की। वहीं लाडवा गांव में हैंडबाल खिलाड़ियों ने भी खेल मैदान में भारतीय हॉकी टीम की जीत की खुशी में जश्न मनाया। हिसार के सभी खिलाड़ियों, कोच और परिजनों ने अब महिला हॉकी के स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद है। हिसार हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान में भी हॉकी खिलाड़ियों ने खेल विभाग के कोचों ने खुशी जाहिर की। गौरतलब है कि भारती हॉकी टीम में हिसार से सम्बंध रखने वाली कैमरी गांव की बेटी शर्मिला, उदिता और सविता पूनिया देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

भारतीय हॉकी टीम की खिलाड़ी उदिता दूहन मूलरूप से भिवानी के नांगन गांव की रहने वाली हैं लेकिन अब वह हिसार में रहती हैं। 23 साल की इस खिलाड़ी का जीवन हॉकी ने पूरी तरह बदल दिया। उदिता फिलहाल ओलम्पिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। उदिता पहले हैंडबाल खेल में रूची रखती थी। उसने “खेलने के विकल्प ने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। शायद नियति को यही मंजूर था कि मैं हॉकी में नाम कमाऊं“। उदिता हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल और वंदना कटारिया को अपना आदर्श मानती हैं। उदिता के पिता जसबीर सिंह भी खेल से जुड़े हुए थे। वे खेल मैदान में जाते तो अपनी बेटी के साथ लेकर जाते थे वहीं से खेल के प्रति उदिता आकर्षित हुई। जसबीर अब इस दुनियां में नहीं हैं। उदिता की मां गीता देवी को अपनी बेटी पर गर्व है और पूरा विश्वास है कि हॉकी टीम ओलम्पिक में पदक जरूर जीतेगी।

महिला हॉकी टीम में कैमरी की शर्मिला गोदारा भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। शर्मिला के कोच प्रवीणा सिहाग ने कहा कि शर्मिला अच्छा प्रदर्शन कर रही है। शर्मिला ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला गोल दागा था। उसके परिजनों को भी टीम इंडिया के स्वर्ण पदक जीतने का पूरा विश्वास है।