जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में हो रही मूसलाधार बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मूसलाधार बारिश के कारण बीजापुर और सुकमा जिले में बाढ़ के चलते कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के संपर्क छत्तीसगढ़ से टूट चुका है।
अधिकारिक जानकरी के अनुसार इद्रावती, संकनी-डंकनी, शबरी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर है। दक्षिण बस्तर में 150 से अधिक गांव का संपर्क जिला मुख्यालय बीजापुर और सुकमा से कट चुका है। वहीं केन्द्रीय सुरक्षा बल कैम्प में बाढ़ का पानी घुसने से जवानों को दूसरी जगह भेजा गया है। बाढ़ से सबसे ज्यादा बुरी हालत बीजापुर और सुकमा जिले की है। यहां शबरी नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ा है।
बीजापुर और सुकमा जिले के सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। लगातार हो रही बारिश ने अंदरुनी इलाके के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसकी वजह से कोंटा नगर पंचायत में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कोंटा में शबरी नदी का पानी अब धीरे धीरे रिहाइशी इलाकों में पानी आने लगा है।
कोंटा के वार्ड क्रमांक 5 कृष्ण मंदिर पारा में स्थित प्री मेट्रिक बालक आदिवासी छात्रावास में गुरूवार की सुबह बाढ़ का पानी घुस गया। हॉस्टल में चारों ओर पानी भरने से बच्चे बाढ़ में फंस गए। इसी तरह बीजापुर के तारलागुड़ा स्थित छात्रावास में भी पानी घुस चुका है। खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा प्री मेट्रिक बालक छात्रावास को खाली कराया गया और बच्चों को आईटीआई कालेज में शिफ्ट किया गया।
इधर, लगातार हो रही बारिश और शबरी नदी में आए बाढ़ की स्थिति को ध्यान मे रखते हुए अगले 2 दिनों तक स्कूलों का संचालन बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
बीजापुर जिले में मिंगाचल में स्थित केन्द्रीय सुरक्षा बल के कैम्प में बाढ़ का पानी घुसने से जवानों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया।