नई दिल्ली, आईसीएसई स्कूलों में पढ़ायी जाने वाली एक किताब में एक मस्जिद को ध्वनि प्रदूषण के स्रोत के रूप में पेश करने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्से का इजहार किया जिसके बाद प्रकाशक ने माफी मांगी और चित्र को आगे के संस्करणों से हटाने का वादा किया। हालांकि आईसीएसई ने कहा कि बोर्ड ने किताब का प्रकाशन या उसे पढ़ाने की सिफारिश नहीं की और इस मामले से स्कूलों को ही निपटना होगा।
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सेलिना पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित विग्यान की पाठ्यपुस्तक में ध्वनि प्रदूषूण के कारणों पर एक अध्याय है। सोशल मीडिया पर फैली तस्वीर में ट्रेन, कार, विमान और एक मस्जिद के साथ तेज ध्वनि को दर्शाने वाले चिन हैं जिसके सामने एक एक व्यक्ति दिख रहा है जिसने खीझाकर अपने कान बंद कर रखे हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों ने किताब वापस लेने की मांग को लेकर अब एक ऑनलाइन याचिका शुरू की है।
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आईसीएसई बोर्ड के अधिकारी टिप्पणी के लिए मौजूद नहीं थे। प्रकाशक ने चित्र के लिए माफी मांगी है। प्रकाशक हेमंत गुप्ता ने सोशल मीडिया साइटों पर लिखा, सभी संबंधित लोगों को बताना चाहता हूं कि हम किताब के आने वाले संस्करणों में चित्र बदल देंगे। उन्होंने कहा, अगर इससे किसी की भी भावनाएं आहत हुई हों तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं।
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आईसीएसई के मुख्य कार्यकारी एवं सचिव गेरी अराथून ने कहा कि बोर्ड स्कूलों के लिए पाठ्यपुस्तक का प्रकाशन या उसे पढ़ाने की सिफारिश नहीं करता। उन्होंने कहा, अगर आपत्तिजनक सामग्री वाली कोई किताब कुछ स्कूलों में पढ़ायी जा रही है तो इस तरह की चीज ना हो, यह सुनिश्चित करने का काम स्कूलों एवं प्रकाशक का है। इस साल अप्रैल में हिंदी फिल्मों के गायक सोनू निगम ने यह कहकर विवाद को जन्म दिया था कि उनके घर के पास स्थित मस्जिद की अजान की आवाज से उनकी नींद टूट जाती है।
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