भोपाल, मध्यप्रदेश मे कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों मे बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए बड़ी योजना बनाई है. इसके पहले चरण मे वह सगंठन को चुस्त-दुरुस्त कर रही है. आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मध्यप्रदेश कांग्रेस बड़े बदलाव की तैयारी में नजर आ रही है.
कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी पद से मोहन प्रकाश की छुट्टी के बाद अब पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव मुश्किल में है. पार्टी महासचिव मोहन प्रकाश के करीबी माने जाने वाले अरुण यादव बीते तीन साल से पीसीसी पर काबिज हैं. लेकिन मोहन प्रकाश से प्रदेश प्रभारी का जिम्मा छीन जाने से अब अरुण यादव पार्टी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.
सूत्रों की मानें तो बीते तीन साल से प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपने मुताबिक चलाने वाले पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव अब पार्टी नेताओं के निशाने पर हैं. पार्टी महासचिव मोहन प्रकाश से मध्यप्रदेश का प्रभार वापिस लेने के बाद अरुण यादव की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है.
नए बदलाव के बाद किसी भी बगावत को रोकने के लिए पार्टी हाईकमान ने सभी नेताओं को मामले को तूल नहीं देने को कहा है. लेकिन लंबे समय से पार्टी में हाशिए पर चल रहे नेताओं ने अब पीसीसी में भी बदलाव को हवा देने का काम तेज कर दिया है.
बदलते माहौल में कुछ नेताओं ने अपने सुर बदल लिए हैं. आलम यह है कि पुराने नेता पार्टी में नए बदलाव का स्वागत करने लगे है. प्रदेश कांग्रेस में प्रदेश प्रभारी बदले जाने और अब नए प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के जरिए सीधे राहुल गांधी ने राज्य की राजनीति में खुद का दखल बढ़ा दिया है. इससे अब तक कमलनाथ, सिंधिया, दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी खेमों में बंटी पार्टी को एकजुट बनाने की दिशा में प्रयास शुरू होते नजर आ रहे हैं.