कानपुर, नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि विपक्षी दल संसद में कामकाज नहीं चलने दे रहे हैं और बेईमानों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष भ्रष्टाचार और कालाधन के मुद्दे पर चर्चा से एक महीने तक भागता रहा।
भाजपा की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग और नेता एटीएम की कतार में खड़े लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं लेकिन उनकी मंशा को सफल नहीं होने दिया जायेगा क्योंकि आम लोग संयम के साथ हैं और समझ रहे हैं कि देश का वृहद हित दांव पर लगा हुआ है। मोदी ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में उन्होंने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने और राजनीतिक दलों को चंदा के विषय पर चर्चा कराने का सुझाव दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में एक महीने तक कामकाज नहीं होने दिया गया क्योंकि विपक्ष दल इन दोनों मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार नहीं थे।
मोदी ने कहा कि पहले भी संसद में कामकाज बाधित होता था लेकिन तब विपक्ष भ्रष्टाचार और घोटालों को उजागर करना चाहता था। लेकिन इस दफा पहली बार संसद को बाधित किया गया क्योंकि विपक्ष बेईमानों का बचाव करना चाहता है और इसलिए चर्चा से भाग रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा एजेंडा देश को भ्रष्टाचार और कालाधन मुक्त बनाने की लड़ाई लड़ना है। लेकिन उनका (विपक्ष) एजेंडा संसद में कामकाज बाधित करना है.. मैं उलझन में हूं।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेता हमेशा यह दावा करते रहे हैं कि दिवंगत राजीव गांधी आम लोगों तक कम्प्यूटर और मोबाइल फोन लाये। उन्होंने कहा, लेकिन जब मैं कहता हूं कि फोन का उपयोग बैंक के रूप में कर सकते हैं, तब वे कहते हैं कि गरीबों के पास मोबाइल फोन नहीं है.. वे कहते हैं कि लोगों के पास बैंक खाता नहीं है। अब वे दावा कर रहे हैं कि गरीब बैंकों तक जाते हैं लेकिन पैसा नहीं मिल रहा है.. वे झूठ फैला रहे हैं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस लोगों के प्रति जवाबदेह बनने से भाग रही है और इस संदर्भ में कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी के जुमले को याद दिलाया कि न खाता, न बही, जो केसरी कहे सब सही।