लखनऊ, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) कैडेटों की साहसिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से कानपुर से प्रयागराज के बीच नौकायन अभियान की सोमवार को विधिवत शुरूआत की गयी।
एनसीसी ग्रुप मुख्यालय लखनऊ के तत्वावधान में कानपुर के धोरी घाट से प्रयागराज के सरस्वती घाट तक गंगा नदी पर नौकायन अभियान 270 किमी की दूरी तय करेगा। नदी के बहाव, मौसम और तेज हवाओं की अनिश्चितता के बीच इस बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान में 35 लड़के तथा 25 लड़कियों सहित कुल 60 एनसीसी कैडेट भाग ले रहे हैं। अभियान में दो डी के व्हेलर्स बोट (भारतीय नौसेना द्वारा प्रयुक्त), एक असाॅल्ट बोट तथा दो बचाव नौकाएं प्रयोग में लाई जाएँगी।
अभियान को एनसीसी ग्रुप मुख्यालय, लखनऊ के ग्रुप कमाण्डर ब्रिगेडियर रवि कपूर ने 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे धोरी घाट, कानपुर से झंडा दिखाकर रवाना किया। एन.सी.सी कैडेटों की इस प्रकार की साहसिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्रुप कमाण्डर द्वारा कैडेटों को इस अद्वितीय एवं चुनौतीपूर्ण अभियान के लिए भरपूर सहयोग प्रदान किया गया है। पिछले सालों में, इस तरह के नौकायन अभियान प्रयागराज से वाराणसी तक आयोजित होते रहे हैं। हालांकि इस वर्ष यह पहली बार है कि लखनऊ एन.सी.सी के कैडेटों को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम के रूप में कानपुर से प्रयागराज तक अभियान आयोजित किया जा रहा है। आयोजन में उपस्थित ग्रुप कमाण्डर नें अभियान दल के समर्पण भरे प्रयासों की सराहना की तथा कैडेटों को सुरक्षित एवं सफल अभियान के लिए शुभकामनाएं दी।
नदी पर नौकायन एवं नाव खींचने के लिए कैडेटों में अत्यधिक बल, सहनशक्ति एवं प्रतिबद्धता के साथ-साथ विशेष नाविक एवं परिचालन कौशल की आवश्यकता होती है। अभियान की तैयारी को ध्यान में रखते हुए सभी प्रतिभागी कैडेट पिछले दो महीनों से गोमती नदी पर अभ्यास कर रहे हैं तथा सितम्बर माह में अभियान की तैयारी के लिये एक विशेष शिविर भी आयोजित किया गया था। अभियान में 3 (यू.पी.) नेवल यूनिट एन.सी.सी के कमांडिंग अधिकारी कैप्टन (भारतीय नौसेना) नवेंदु सक्सेना के नेतृत्व में निरीक्षण एवं सहायक दल के रूप में कार्यकारी अधिकारी ले0कमाण्डर अश्वनी सिंह, एक सहयोगी एन.सी.सी अधिकारी, 10 नाविक (पी.आई स्टाफ) तथा 3 यूपी नेवल यूनिट एनसीसी के प्रशिक्षित राज्यकर्मचारी भी हिस्सा लेे रहे हैं।
अभियान के उद्देश्य एनसीसी कैडेटों में अच्छे चरित्र, एकता और अनुशासन की भावना उत्पन्न करना, जिससे कि वे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित हों तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें। युवा कैडेटों को नौसैनिक जीवन शैली से परिचित कराना,अभियान की कठिन परिस्थितियों में कैडेटों के बीच सौहार्द और नेतृत्व की भावना को विकसित करना एवं उनमें साहस और उद्यम की भावना को बढ़ावा देना शामिल है।