नई दिल्ली, विदेशी कालाधन मामलों की जांच कर रही एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने को भारत ने अंतरराष्ट्रीय कर संधियों में नया प्रावधान जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है। इससे कई विधि प्रवर्तन विभागों के बीच आंकड़ों के आदान प्रदान की अनुमति मिल जाएगी और जांच को प्रभावित करने वाली गोपनीयता की शर्त हट जाएगी। इस नए प्रावधान को दोहरा कराधान बचाव संधि में जोड़ा जा रहा है जिससे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को प्राप्त आंकड़ों को अन्य एजेंसियों मसलन सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय और अन्य के साथ साझा किया जाए सकेगा।
इससे ये एजेंसियां भी इन आंकड़ों के आधार पर मनी लांड्रिंग, भ्रष्टाचार, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क चोरी आदि की जांच कर सकेंगी। इस नए प्रावधान के साथ भारत और कजाखस्तान के बीच संशोधित डीटीएए पर शुक्रवार को सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा तथा कजाखस्तान के भारत में राजदूत बुलात सरसेनबायेव ने दस्तखत किए। डीटीएए के प्रोटोकॉल में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख है कि कजाखस्तान से कर उद्देश्य से मिली सूचनाओं को अन्य विधि प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकेगा।