नई दिल्ली, एक तरफ जहां सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के किसानों का बुरा हाल है, अपनी जान देने जैसे कदम तक उठाने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राज्य में किसान सूखे की वजह से आत्महत्या नहीं कर रहे हैं।
दरअसल, बीते 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी और इस संबंध में दो हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा था। इस पर ही तमिलनाडु सरकार ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राज्य में किसी भी किसान ने सूखे की वजह से आत्महत्या नहीं की है और जिसने भी यह कदम उठाया है वो व्यक्तिगत कारणों से उठाया है।
जबकि किसानों के आत्महत्या के मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वाकई में स्थिति चिंताजनक है और राज्य सरकार किसानों की जान बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। गौरतलब है कि किसानों की बढ़ती आत्महत्या की ओर ध्यान दिलाने के लिए एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आपको यह भी बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठ कर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। वहीं इस ओर राज्य व केंद्र सरकार का ध्यान दिलाने के लिए किसानों ने अपना मूत्र पीने जैसा कदम भी उठाया। फिलहाल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के आश्वासन दिए जाने पर किसानों ने कुछ दिनों के लिए धरना-प्रदर्शन टाल दिया है।