लखनऊ, बरेली में आज किसान कल्याण रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कृषि सलाहकार की भूमिका में दिखे।प्रधानमंत्री ने बरेली से सीधा जुडने की कोशिश करने के बाद किसानों की बात शुरू की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान कल्याण रैली को संबोधित करने रबड़ फैक्ट्री के मैदान में बने मंच पर पहुंचे तो उनको हल भेंट करने के साथ ही पगड़ी बांधी गई। उनके स्वागत की औपचारिकता पूरी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने स्वागत भाषण शुरू किया। उन्होंने यहां पर किसानो को संबोधित करने का आग्रह स्वीकार करने पर पीएम मोदी का आभार जताया। इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना संबोधन शुरू किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की तरक्की के तीन स्तंभ हैं। यह कृषि, निर्माण तथा श्रम के क्षेत्र हैं। इनमें से हमको कृषि क्षेत्र को बेहद मजबूत करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य सरकारें किसान तथा कृषि को अपनी प्राथमिकता सूची में रखें। सभी को पता है कि कृषि पूरी तरह केंद्र के पास नहीं है। राज्य सरकार के हाथ में भी काफी कुछ है। ईश्वर के बाद किसानों की कोई मदद नहीं करता। राज्य सरकारें किसानों व कृषि को प्राथमिकता में लें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसान को जन का पोषक बताया है। बरेली में आज किसान कल्याण रैली में पीएम मोदी ने राज्य सरकारों से भी किसानों व कृषि को प्राथमिकता में लेने का अनुरोध किया।
उन्हेांने कहा कि मध्य प्रदेश कृषि क्षेत्र में नंबरवन पर है। यह वहां की राज्य सरकार के कारण संभव हुआ है। अन्य राज्य सरकारें वहां से सीख लेकर अपने यहां योजनाएं बनाएं। निश्चित तौर पर किसान तथा कृषि की तकदीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें पूरी तरह से सक्रिय हो गईं तो फिर 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तब किसान की आमदनी दोगुनी हो जाएगी।
आज देश का किसान अपने परिवार में कम से कम एक सदस्य को नौकरी में चाहता है। उनको पता है कि अगर एक सदस्य नौकरी में है तो फिर घर का खर्च चल जाएगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो परिवार पर बड़ी मुश्किल खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में किसानों के सामने अनेक चुनौतियां हैं। परिवार बंटते जा रहे हैं। जमीन भी बंट रही है। विरासत में किसान जमीन बांट भी पाएगा कह पाना मुश्किल है। जमीन कम हो जाती है तो पैदावर कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का समाधान नहीं है। यदि किसान साथ दें और राज्य सरकारें तैयार हों तो कृषि विभाग केंद्र के हवाले हो। खेती व किसान के लिए ऐसा होना जरूरी।
उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। बेरोजगारी दूर करने के लिए यह सशक्त माध्यम है। पीएम मोदी ने कहा कि खेती को तीन हिस्सों में बांटे। पहली उपज प्राप्त करें। दूसरी किसान खेतों के अंतिम छोर पर टिम्बर की खेती करें। संकट में यह पेड़ उनका संकटमोचक बनेगा। तीसरे हिस्से में जानवरों के लिए चारा की व्यवस्था करें। तीसरे कैटगरी के तहत किसान मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि खेती के लिए पानी के संकट को भी दूर करने की जरूरत है ताकि खेती बर्बाद न हो। नदियों को जोडने की जरूरत है। इससे बाढ़ से भी बचेंगे और सूखे से भी बचेंगे। पचास हजार करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू करने का बीड़ा सरकार ने उठाया है। मनरेगा के पैसों से सिंचाई के प्रबंध मजबूत किया जाना चाहिए। नहर, तालाब आदि को सुदृढ़ किया जाए। संसाधन मजबूत करके गांव का पानी गांव में ही रह जाएगा तो सूखे का संकट नहीं होगा।
उन्होने कहा कि बिना समझे फर्टिलाइजर व कीटनाशक का प्रयोग न करें। इससे हमारी धरती की उर्वर शक्ति कमजोर हो जाती है। हम किसान के बेटे हैं, हमें धरती मां पर अत्याचार करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि किसी भी व्यक्ति को आवश्यकता से अधिक दवा दी जाए तो वह नुकसान करती है। उन्हेंने कहा कि मृदा परीक्षण अवश्य कराएं। इससे अधिक उपज मिलेगा। सरकार का देश के गांव-गांव तक मृदा परीक्षण लैब पहुंचाने का इरादा है। उन्होने कहा कि अभी तक किसी राज्य से यूरिया के संकट की बात सामने नहीं आई। किसी राज्य ने केंद्र को पत्र नहीं लिखा। हमने अभी तक यूरिया की कालाबाजारी नहीं होने दी। नीम कोटिंग से यूरिया की कम खपत होती है। इसके अलावा लोगों को नीम के बीज एकत्र करने के कारण रोजगार भी मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश का किसान जन का पोषक है, वह श्रम का देवता है, अन्नदाता है। मैं किसान का आभार पूर्वक नमन करता हूं। ऐसे सभी किसानों को मैं नमन करता हूं। मैं किसानों का आभारी हूं। हमारे किसानों के समक्ष बहुत चुनौतियां हैं, इन चुनौतियों को अवसरों में तब्दील किया जा सकता है जब पैदावर कम होगी तो खुद का पेट भरना मुश्किल, किसानों के सामने आज बड़ी चुनौती है। आने वाले पीढियों के लिए संकट खड़ा हो रहा है। जमीन कम होगा तो पैदावार कम होती है। भारत का किसान देश की शान है, परिवार बढ़ाता जा रहा है। जमीन के टुकड़े हो रहे। हमको इसको भी रोकना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बरेली से मेरा बचपन का नाता है। मैं बचपन में पतंग उड़ाने का बड़ा शौकीन थी। बरेली के मांझे से ही मैं पतंग उड़ाता था।बरेली का सुरमा नई तृत्पि देता है।बरेली का मांझा प्रसिद्ध है। आज बरेली से सीधे जुडने की कोशिश के बाद प्रधानमंत्री किसानों की बात प्रारंभ की।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ जरूर उठाएं। इस योजना के तहत बीमा की नब्बे प्रतिशत रकम केंद्र सरकार देगी। इस योजना के तहत सूखा पड़ गया, पानी भर गया, भूस्खलन हो गया तो भी लाभ मिलेगा। इसमें समय से पहले भुगतान होगा।
देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बरेली में किसान कल्याण रैली में किसानों के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि संकट के समय सभी को किसानों के साथ खड़े रहना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों का दर्द समझती है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के प्रति बहुत ही ज्यादा असंवेदनशील है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को हुई क्षति को समझा है और एक तिहाई नुकसान वाले किसानों को भी मुआवजा का प्रावधान किया। किसानों की मदद के लिए 2800 करोड़ से अधिक की राशि उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराई है, लेकिन उत्तर प्रदेश का किसान अभी भी बेहाल है।राजनाथ सिंह ने कहा कि अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हर किसान के लिए लाभकारी होगी। यह दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना है। अब किसान को जितना नुकसान होगा, उतना मुआवजा मिलेगा। यानी सौ प्रतिशत।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह का आरोप है कि उत्तर प्रदेश में किसानों का हक मारा गया है। बरेली में किसान कल्याण रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले राधा मोहन सिंह ने भी संबोधित किया। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों का हक मारा गया है। केंद्र सरकार ने 570 करोड़ रुपया इनकी सहायता के लिए भेजा था, लेकिन किसी भी किसान को नहीं दिया गया। अब मार्च तक तो उत्तर प्रदेश में इन पैसों की बंदरबांट होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार झांसी में कृषि विश्वविद्यालय खोलेगी। जिससे वहां के किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री तथा बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि मोदी सरकार के 18 महीने के कार्यकाल में देश तरक्की की राह पर है। विपक्षी दल परेशान हैं। सभी मिलकर पहले के 60 महीने के काम की 18 महीने के काम की तुलना में लगे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों की कमर तोड़ दी है। किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने गन्ना मूल्य भुगतान का पैसा भेजा, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को नहीं दिया। बरेली में धान की काफी अच्छी पैदावार होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार यहां के किसानों को जरा भी प्रोत्साहन नहीं दे रही है।
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि पिछली सरकार ने 40 लाख टन चीनी विदेश से मंगवाई थी। इतनी चीनी की तो पूरे देश को में भी जरूरत नहीं थी। उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त तथा गन्ना अधिकारी बिचौलिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताया है। तोमर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने डेढ़ वर्ष में किसानों की समस्याओं को समझा और उनको दूर किया है।