प्रयागराज, विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कुंभ में मेला प्रशासन द्वारा भूमि आवंटन को लेकर सौतेला व्यवहार अपनाने से खाकचौक असंतुष्ट है। खाकचौक व्यवस्था समिति के वरिष्ठ सदस्य महंत हिटलर बाबा ने बताया कि प्रशासन उनके साथ एक प्रकार का सौतेला व्यवहार अपना रहा है। मेला प्रशासन अन्यत्र भूमि आवंटन कर इस बार नई परंपरा डाल रहा हैए जो अनुचित है।
खाकचौक को प्रत्येक वर्ष माघ मेलाए अर्द्धकुंभ और कुंभ में हमेशा उसके परंपरागत स्थान पर भूमि का आवंटन होता आया है जबकि अखाड़ो को केवल कुंभ और अर्द्धकुंभ मे भूमि का आवंटन होता है। हिटलर बाबा ने कहा कि खाक चौक ने प्रशासन द्वारा सेक्टर पांच में सुझाई गई जमीन का प्रस्ताव ठुकरा दिया। पूर्व की भांति सेक्टर 16.17 में शिविर लगाने के लिए जमीन मांगी गईए लेकिन प्रशासन वहां अखाड़ों एवं उनके महामंडलेश्वरों को भूमि आवंटित कर दी है। वहां जमीन न मिलने की स्थिति में संगम लोअर मार्ग एवं मुक्ति मार्ग के दोनों पटरी पर जमीन मांगी गई। यह प्रस्ताव बनाकर प्रतिनिधिमंडल ने कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद से मिला लेकिन उन्होंने इस पर अभी तक कोई सकारात्मक रूख नहीं अपनाया है।
उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन ने जहां गंगा पार झूंसी में खाक चौक को हमेशा से भूमि आवंटित होती थी वहां इस बार अखाड़ों को आवंटित किया है। अखाड़ों को वे भूमि कहीं भी आवंटन करें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन खाकचौक को भी वरीयता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अखाड़ों के बसने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन हमें मन मुताबिक जमीन तो दी जाए। हमारे 270 मुकामधारी हैंए जिनके लिए एक स्थान पर 170 बीघा जमीन मांगी गई है। अगर प्रशासन इस पर तैयार नहीं होता तो हम इस बार कुंभ में शिविर नहीं लगाएंगे।