कृषि को सुनियोजित ढंग से एक घाटे का सौदा बनाया जा रहा है – लालू प्रसाद यादव

laluprasadyadav1_1481952410_749x421पटना , राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने किसानों को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया और कहा कि सांसारिकता एवं भौतिकवाद से कोसों दूर देश का किसान पूंजीवाद के नीचे लगातार दबा जा रहा है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।
लालू प्रसाद यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखे पोस्ट में कहा कि  खेत- खलिहान में जाकर समय बिताने से एक आत्मीय सुख प्राप्त होता है। दुनिया भर की आपा-धापी के समुंदर के बीच ठहराव से भरे हमारे देश के गांव एवं खेत.खलिहान सुकून देने वाले टापू के समान महसूस होते हैं। ईश्वर यदि कहीं बसता है, तो वे अपने देश के किसानों की अद्भुत मेहनत और जुझारूपन की कहानी कहते इन खेत खलिहानों में ही बसता है।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि देश का किसान आज भी सांसारिकता, भौतिकवाद से कोसों दूर है। मेहनत से जो मिल जाए, उसी में जैसे तैसे गुज़र बसर कर संतुष्ट रहता है। शिकायत कम मेहनत ज्यादा करता है। उन्होंने देश के किसानों की तुलना सीमा पर तैनात जवानों से करते हुए कहा कि जवान और गांव के किसान में कोई अंतर नहीं है। दोनों समान रूप से मेहनत कर रहे हैं जिनके भरोसे देश की आन- बान और शान टिकी है।
लालू प्रसाद यादव ने आगे लिखा, हमारे देश में किसान पूंजीवाद के नीचे धीरे-धीरे दबता जा रहा है। कृषि को सुनियोजित ढंग से एक घाटे का सौदा बनाया जा रहा है। अनाज उपजा रही उनकी ज़मीन के टुकड़ों पर भी पूंजीपतियों की गिद्ध दृष्टि जमी हुई है। ऋण के दुष्चक्र में फंसकर किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन यह दर्द कभी सुर्खियां नहीं बनती हैं। इतना कुछ झेलने के बावजूद गांवों में मुस्कुराते चेहरे ही स्वागत करते हैं। घर बुलाते हैं। प्यार से सौंधी खुशबू वाला शुद्ध भोजन करवाते हैं। देश के हर नागरिक को किसानों से जरूर मिलना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button