केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों से, अक्षम कर्मियों को ‘‘हटाने’’ की, ये बनी योजना
March 24, 2019
नयी दिल्ली,, केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों ने सरकार को एक नयी आकलन व्यवस्था लाने के लिए कहा है जिससे हर साल अक्षम या अस्वस्थ कर्मियों को ‘‘हटा’’ दिया जाएगा। अर्द्धसैन्य बलों के लड़ाकू श्रेणियों में 55,000 से अधिक जवान ‘‘खराब मेडिकल श्रेणी’’ में हैं। गृह मंत्रालय से ये सिफारिश की गई। हाल में यहां नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की बैठक की गई थी।
छह सीएपीएफ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और असम राइफल्स हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में इन बलों में कमांडेंट रैंक तक के जवानों और अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 57 से बढ़ाकर 60 करने का निर्देश दिया था जैसा कि सीआईएसएफ और असम राइफल्स में हैं। इसके बाद यह बैठक बुलाई गई।
अदालत ने चार अर्द्धसैन्य बलों सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी में सेवानिवृत्ति की अलग-अलग आयु की मौजूदा नीति को ‘‘भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक’’ बताया था। बैठक के बाद अर्द्धसैन्य बलों ने सरकार से अनुशंसा की कि ‘‘अगर सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 60 कर दी जाती है तो वह ऐसी व्यवस्था की तलाश कर सकती है जिसमें बल के उद्देश्य के अनुसार उसमें बने रहने के लिए अक्षम लोगों को निकालने के लिए वार्षिक आकलन हो।’’ नयी आकलन व्यवस्था के कदम की पुष्टि करते हुए मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव का ‘‘गृह मंत्रालय के सबसे शीर्ष स्तर पर आकलन’’ किया जा रहा है।