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गरीब तबके का उत्थान सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता समाज के गरीब तबके का उत्थान है।

अल्पसंख्यक तथा प्राविधिक शिक्षा विभाग के लिए कुल 240 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए उन्होने कहा “ हमारी मंशा व संवेदनाएं गरीब, निराश्रित, वंचित, दलित और अति पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ है। पिछली सरकारों से विपरीत, हमारी संवेदानएं माफिया और किसी अपराधी के साथ नहीं हो सकती हैं क्योंकि वह सुरक्षा, सुशासन और विकास के मार्ग के बैरियर हैं। सरकार की कार्यप्रणाली स्पष्ट है, वह इन बैरियर्स को हटाती है मगर गरीबों को अपनी संवेदना का पात्र बनाती है। गरीबों की सेवा ही सरकार की प्राथमिकता है।”

उन्होने कहा कि माफिया व अपराध तंत्र पर नकेल कसने, भ्रष्टाचार मुक्त सुरक्षित व निष्पक्ष समाज की स्थापना पर प्रदेश सरकार का फोकस है जिससे गरीबों को बिना किसी भेदभाव के उनका हक और सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को मिशन रोजगार के जरिए शासकीय सेवाओं के अतंर्गत निष्पक्ष व मानव हस्तक्षेप रहित प्रक्रिया अपनाकर नियुक्ति दी जा रही है। पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अंतर्गत प्रदेश ने नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया है। न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर छह महीने में हमने कर दिखाया। 60 जिलों से अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। अब एक क्षेत्र नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लोगों को मंच मिल रहा है। प्रदेश सरकार की हर प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है। कौन कहां नियुक्त होकर जाएगा यह न किसी मंत्री और न ही किसी सचिव को पता होता है।

योगी ने कहा कि आज लोगों की धारणाएं उत्तर प्रदेश के लिए बदली हैं। फाइलें अब लटकती नहीं हैं। आज प्रदेश ने सुरक्षा और ईज ऑफ लिविंग व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लक्ष्यों को प्राप्त किया है। केंद्र की परियोजनाओं को हमने धरातल पर उतारा है। अब तीन दिन में फाइल फाइनल होनी चाहिए। अपने सीनियर्स से कंसल्ट करें, पेंडेसी नहीं करें क्योंकि पेंडेंसी भ्रष्टाचार से जोड़ता है। आज जब भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया तब आप जैसे प्रतिभाशाली लोगों को स्थान मिल पाया है। अन्यथा 2017 के पहले यह सपना था।

सरकार की कार्यप्रणाली के बारे में उन्होने कहा कि सरकार की निगाह एक है, कोई भेद नहीं है और वह है सबका साथ और सबका विकास। आप भी उसी विजन का हिस्सा बन रहे हैं। आपने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट पास किया होगा, तब 37 लाख लोगों ने परीक्षा दी थी। इसमें से गुजर कर आपने स्थान बनाया है जो हर्ष और बधाई का पात्र है। आप में से कोई नहीं कह सकता कि मेरा चयन किसी फेवर के आधार पर हुआ है। इसमें रिटायर्ड आर्मी सर्विसमैन से लेकर अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़े व निराश्रितों समेत सभी को लाभ मिला है।

उन्होने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सोचिए पहले 54 टेबल पर जाता था मगर आज उसे सिंगल टेबल कर दिया गया है। आप एयरपोर्ट पर जाते होंगे तो आपने देखा होगा वहां लगेज आगे बढ़ाने के इक्विपमेंट्स लगे होते हैं। ऐसे ही हमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर फोकस करना है। टेक्नोलॉजी ने इस काम को आसान कर दिया है। कोरोना से लेकर अभी तक अनाज हम दे रहे हैं। एक करोड़ लोगों को हम वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 1000 रुपए देते हैं जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप पर एक क्लिक से हो जाता है। सरकार की मंशा साफ है हमारी मंशा गरीब, निराश्रित के प्रति है, एक दलित और अति पिछड़े व्यक्ति के साथ है।

प्रदेश में बने सकारात्मक माहौल को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 3 साल की रिपोर्ट देखिए, कई जगह नेगेटिव ग्रोथ हुए तो उत्तर प्रदेश पॉजिटिव ग्रोथ का केंद्र बना। उत्तर प्रदेश का हर नागरिक एक पॉजिटव ग्रोथ के साथ आगे बढ़ रहा है। चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरिक करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आप भी सकारात्मक हों, अच्छे ढंग से बातचीत करें। हो सकताी है व्यक्ति जानकारी न रखता हो मगर आपका अच्छा बर्ताव उसमें उम्मीद और विश्वास भर देगा। ये एक मैसेज लेकर जाएगा कि उत्तर प्रदेश में एक बदलाव आया है। उत्तर् प्रदेश एक अच्छी स्थिति से आगे बढ़ रहा है और आपको अब जीरो पेंडेंसी की ओर बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कल्याण व पशुधन विभाग मंत्री धर्मपाल सिंह, अल्पसंख्यक व कल्याण विभाग के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी व प्रमुख सचिव एल देवराज भी उपस्थित रहे।