लखनऊ, दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को पुलिस ने लखनऊ के पारा क्षेत्र में नहरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। प्रजापति मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहे थे। लखनऊ एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद प्रजापति ने कहा, हम कह रहे हैं कि इस घटना का नार्को टेस्ट हो, नार्को टेस्ट से दूध का दूध का और पानी का पानी हो जाएगा।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि गायत्री कोलकाता में छुपा था। बेटे और भतीजे के पकड़े जाने पर सरेंडर करने आ रहा था। तभी पुलिस ने आगरा एक्सप्रेस वे से उतरते ही पारा नहरिया के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गायत्री प्रजापति से आलमबाग सीओ आफिस में बयान दर्ज किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गायत्री प्रजापति व उसके छह साथियों के खिलाफ, 18 फरवरी को, गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट लिखाई गई थी। यह रिपोर्ट चित्रकूट की एक पीड़िता की तहरीर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिखी गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि गायत्री के सरकारी आवास पर उन्हें नशीला पदार्थ चाय में पिलाकर बेहोश कर दिया गया था। इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी बेटी के साथ छेड़खानी की। गौतमपल्ली थाने में गायत्री समेत उनके सात साथियों के खिलाफ दुष्कर्म, दुष्कर्म के प्रयास, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
इसके पहले सीओ हजरतगंज व आलमबाग की टीम ने फरार साथियों पिंटू सिंह उर्फ अमरेन्द्र सिंह, रूपेश और विकास वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस अब तक गायत्री प्रजापति के गनर रहे चन्द्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।