‘चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया’

आयोग के सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों के मुद्दे पर इसी महीने की सात तारीख को एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित राहुल गांधी के लेख में उठाए गए मुद्दों के संदर्भ में आयोग ने उन्हें 12 तारीख को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी से कहा गया है कि आयोग महाराष्ट्र के चुनावों के बारे में कांग्रेस पार्टी की पहले की शिकायतों का विस्तृत उत्तर दे चुका है जो आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। श्री गाँधी ने अपने सात जून के लेख में मोटे तौर पर उन्हीं मुद्दों को दोहराया है।
सूत्रों के अनुसार आयोग ने श्री गांधी को लिखा है कि महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर यदि सचमुच कोई शिकायत रही होंगी तो कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशीयों ने उन्हें सक्षम न्यायालय में चुनव याचिका दायर कर उठाया होगा। उन्होंने कहा, ‘ फिर भी विपक्ष के नेता के मन में कोई सवाल है तो आयोग उनके साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि और समय पर बैठ कर बातचीत करने को तैयार है।”
महाराष्ट्र विधान सभा के चुनाव पिछले साल नवंबर में कराये गये थे। कांग्रेस ने मतदाता सूचियों और आखिरी घंटों में मतदान की तथाकथित तेज गति को लेकर कुछ सवाल उठाये थे। आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को इस पर विस्तृत जवाब दिया था। जवाब की प्रति आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। आयोग का कहना है कि वह सभी चुनाव कानून-कायदे से कराता है और इस संबंध में जारी निर्देशों को सख्ती से लागू करता है।
आयोग ऐसे विवादों को लेकर बार बार कहता रहा है कि संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया विधानसभा क्षेत्र स्तर पर विकेंद्रीकृत तरीके से संचालित की जाती है। आयोग कह चुका है कि महाराष्ट्र में चुनाव के समय उसके द्वारा 1,00,186 से अधिक मतदान केंद्र स्तरीय अधिकारी (बीएलओ), 288 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ), 139 सामान्य पर्यवेक्षक, 41 पुलिस पर्यवेक्षक, 71 व्यय पर्यवेक्षक और 288 रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) और राज्य भर में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,08,026 मतदान केंद्र स्तरीय एजेंट (बीएलए) शामिल किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 28,421 एजेंट शामिल थे।