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चेन्नई के लिये हमेशा हाज़िर रहूंगा : महेंद्र सिंह धोनी

चेन्नई, चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही आईपीएल में अपने भविष्य पर अंतिम फैसला न लिया हो, लेकिन उन्होंने कहा है कि वह इस फ्रेंचाइजी के लिये हमेशा उपलब्ध रहेंगे।

महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को पहले क्वालीफायर में गुजरात पर 15 रन की जीत के बाद कहा, “मैंने अभी (आईपीएल में अपना भविष्य) सोचा नहीं है। मेरे पास फैसला लेने के लिये आठ-नौ महीने हैं। छोटी नीलामी दिसंबर के आस-पास होगी। मेरे पास फैसला लेने के लिये बहुत समय है।”

उन्होंने कहा, “मैं हमेशा चेन्नई के लिये हाज़िर रहूंगा। अब मैं मैदान पर या कहीं बाहर बैठा मिलूंगा, यह अभी नहीं मालूम। सच कहूं तो यह काफी मुश्किल हो जाता है। मैं पिछले चार माह से घर से बाहर हूं। मैं 31 जनवरी को घर से निकला, दो या तीन मार्च से अभ्यास शुरू कर दिया। बहुत मुश्किल हो जाती है, लेकिन मेरे पास सोचने के लिये समय है।”

चेन्नई ने गुजरात को हराकर 10वीं बार आईपीएल फाइनल में जगह बनायी। यह आईपीएल में धोनी का आखिरी साल इसलिये भी माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने घुटने की चोट से जूझते हुए पूरा सीजन खेला है और चेन्नई के आखिरी लीग मैच के बाद वह घुटने पर पट्टी बांधे हुए भी नज़र आये थे।

जब धोनी से पूछा गया कि क्या इतने बार फाइनल खेलने के बाद वह इसके आदि हो गये हैं, तो उन्होंने कहा, “आईपीएल ऐसा कहने के लिये बहुत बड़ा है। यह नहीं भूलना चाहिये कि एक समय पर आठ शीर्ष टीमें हुआ करती थीं, और अब (10 टीमें होने के बाद) यह और मुश्किल हो गया है। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह बस फाइनल ही है।”

उन्होंने कहा, “यह दो महीने से ज्यादा की मेहनत है जो हमें यहां तक लेकर आयी है। टीम के खिलाड़ियों ने अपना कौशल दिखाया है। मेरा मानना है कि हर किसी ने मेहनत की है। मध्यक्रम को भले ही पर्याप्त मौके न मिले हों, लेकिन सभी को थोड़ा-बहुत योगदान देने का एक-एक अवसर जरूर मिला है और उन्होंने योगदान दिया भी है।”

चेन्नई ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात के सामने 173 रन का लक्ष्य रखा। यह स्कोर गुजरात के लिये बहुत बड़ा साबित हुआ और वह 157 रन पर ऑलआउट हो गयी। स्कोर की रक्षा करते हुए धोनी ने अपने स्पिनरों और फील्डरों का बेहतरीन उपयोग किया, जिससे बने दबाव से गुजरात नहीं उभर सकी।

धोनी ने कहा, “आप विकेट देखते हैं, परिस्थितियां देखते हैं और उसी के हिसाब से फील्ड बदलते रहते हैं। मैं बतौर कप्तान कभी-कभी आपको बहुत परेशान कर सकता हूं क्योंकि मैं फील्डर को बार-बार एक या दो फीट इधर-उधर करता रहता हूं। सोचिये आप फील्डिंग कर रहे हों और हर दूसरी या तीसरी गेंद पर मैं आपसे कहूं, दो फुट दाईं तरफ हो जाओ, तीन फुट दाईं तरफ हो जाओ। आप थोड़ा झुंझला सकते हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि मैं अपने ऊपर विश्वास रखता हूं, विकेट देखता हूं और ज्यादातर मेरी योजना काम करती है। मैं फील्डर से बस यही कहता हूं कि मेरे ऊपर नज़र रखो। अगर कैच छूट भी गया तो कोई बात नहीं, बस मेरे ऊपर नज़र रखो।”