लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र नेताओं ने मुलाकात कर विश्वविद्यालयों में व्याप्त छात्र असंतोष से अवगत कराया। अखिलेश यादव ने एेसी स्थिति से निपटने के लिये छात्रों, नौजवानों से दोहरी भूमिका निभाने का अाह्वाहन किया है।
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अखिलेश यादव ने कहा है कि नौजवान ही हमेशा व्यवस्था परिवर्तन का वाहक बनता है। लोक क्रांति की वही अगुवाई करता हैं। उन्होंने कहा सन् 2019 में परिवर्तन का अवसर मिलेगा। नौजवान अभी से तैयारी करते रहें। छात्र अपने पठन पाठन पर ध्यान रखें और अन्याय के विरूद्ध आवाज भी उठाते रहे। इस तरह छात्रों, नौजवानों को अपनी दुहरी भूमिका के लिए तैयार रहना है।
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उन्होंने विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई और कहा कि परिसर में सुरक्षा के साथ पठन-पाठन का स्वतंत्र एवं स्वस्थ वातावरण रहना चाहिए। भाजपा की सरकारें आरएसएस की विचारधारा थोपने की कोशिश में हैं जिससे विश्वविद्यालय में अराजकता और छात्र असंतोष व्याप्त है।
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अखिलेश यादव ने कहा कि असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश से छात्रों का मनोबल कुचलने की साजिश है। जबसे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है शिक्षा संस्थानों का शैक्षिक वातावरण प्रदूषित होने लगा है। विश्वविद्यालयों की गरिमा में गिरावट आ गई है।
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विश्वविद्यालयों के छात्र नेताओं ने अखिलेश यादव के नेतृत्व पर आस्था जताते हुए कहा कि भाजपा राज में नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। रोटी रोजगार की संभावनाएं तो पहले से ही बंद कर दी गई है। प्रधानमंत्री जी ने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, वह धोखा ही रहा। अब विश्वविद्यालयों में संघ की शाखाएं लगने लगी हैं और विश्वविद्यालय प्रषासन मनमानी पर उतारू है।
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छात्र नेताओं ने कहा कि लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद विश्वविद्यालयों में असंतोष व्याप्त है। अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाने पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में विश्वविद्यालय प्रशासन कोई संकोच नहीं करता है। उन्होंने यह भी कहा कि सांप्रदायिकता का जहर विश्वविद्यालय कैम्पस में फैलाया जा रहा है। फलस्वरूप हैदराबाद, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू के छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी बुरी तरह पराजित हुई है। आरएसएस के माध्यम से युवा राजनीति को भटकाने और नौजवानों को बहकाने का काम सफल नहीं हो सकता है।
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छात्र नेताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकारें बनने के बाद इधर लगातार विश्वविद्यालयों में छात्राओं के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी है। उनका सम्मान भी सुरक्षित नहीं हैं। लखनऊ, इलाहाबाद और बीएचयू में छात्राओं की अस्मिता से खिलवाड़ किया जा रहा है। उनके ऊपर फर्जी केस लगाए जा रहे है। आपराधिक धाराए लगाई जा रही है। छात्राओं के साथ बदसलूकी की जाती है। इसमें महिला पुलिस को भी नहीं बुलाया जाता है। इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की कार्य प्रणाली रागद्वेष से ग्रस्त हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से भेंट करने वालों में प्रमुख थे जेएनयू के श्री दिलीप यादव, दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री अमन यादव, एमिटी के श्री धर्मवीर सिंह यादव, आईआईटी के श्री अमित एवं रवि प्रकाश, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के श्री राम करन निर्मल, मो0 आजम खान, श्री जयवीर सिंह, राघवेन्द्र सिंह, देवेन्द्र माथुर, जितेन्द्र सरोज, प्रमोद यादव, अवनीश सिंह, अजय सिंह, अमरेन्द्र आर्य, सचिन वत्स, ओम बिंद एवं अमित माथुर और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रवीन्द्र कुमार सहित दो दर्जन नौजवान शामिल थे।