चेन्नई, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर याद किया गया। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता के पलानीस्वामी और ओ पनीरसेल्वम समेत पार्टी समर्थकों ने ‘अम्मा’ को श्रद्धांजलि दी। अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम और पार्टी के सह-समन्वयक पलानीस्वामी ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के साथ अन्ना सलाई से मरीन बीच पर स्थित जयललिता की समाधि तक मौन रैली निकाली। इस दौरान सभी काले लिबास में थे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने जयललिता की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। दोनों नेताओं कुछे देर तक हाथ जोड़े खड़े रहे और फिर उन्हें सम्मान देने के लिए झुक गए। समर्थकों ने जयललिता के नाम के नारे लगाए इस दौरान कुछ लोग भावुक भी हो गए। अन्नाद्रमुक के समर्थकों ने दोनों नेताओं के साथ यहा पार्टी के संस्थापक एवं मंत्री एम जी रामचंद्रन को भी श्रद्धांजलि दी।
पनीरसेल्वम के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिन को चिह्नित करने की शपथ ली। पनीरसेल्वम ने शपथ पढ़ी और पलानीस्वामी एवं अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने उसे दोहराया। शपथ में उन्होंने कठिन परिश्रम से ‘‘अम्मा’’ के ‘‘सुनहरे शासन’’ को कायम रखने के लिए हर कदम उठाने का प्रण लिया। जयललिता को उनके समर्थक प्यार से ‘‘अम्मा’’ कहकर संबोधित करते थे।
उन्होंने एआईएडीएमके को लोगों का एक सफल आंदोलन बनाने में ‘‘अम्मा के कठिन परिश्रम’’ को याद किया। पार्टी का विकास सुनिश्चित करने की दिशा में सभी ने दिवंगत पार्टी नेता के कदमों पर चलने का प्रण लिया। उन्होंने अम्मा के मशहूर बयान ‘‘मैं लोगों के लिए हूं, लोगों की वजह से हूं’’ को भी दोहराते हुए, उस दिशा में काम करने का भी प्रण लिया। पार्टी के सैकड़ों समर्थक समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे। जयललिता को सितंबर 2016 में यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में 75 दिन तक भर्ती रहने के बाद उन्होंने पांच दिसंबर 2016 को आखिरी सांस ली थी।