अयोध्या, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने आज कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में सोलह जनवरी से चौबीस जनवरी के मध्य गर्भगृह में श्रीरामलला विराजमान हो जायेंगे।
श्री राय ने आज यहां देश के विभिन्न प्रांतों से आये धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुखों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में भगवान राम के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से सम्पूर्ण राष्ट्र का हर घर राम मय हो जायेगा। श्रीरामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह कायक्रम को व्यापक बनाने के लिये विश्व हिन्दू परिषद ने अपनी संगठनात्मक शक्ति लगानी शुरू कर दी है। देश भर के संतों का प्रतिनिधित्व या आमंत्रण देने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है। इसको लेकर विश्व हिन्दू परिषद की अखिल भारतीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुखों की तीर्थ क्षेत्र भवन रामकोट में चल रही दो दिवसीय बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर रामभक्त हर घर की चौखट पर पांच दीपक अवश्य जलायें और दीपोत्सव मनायें।
श्रीरामतीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के इस अभियान में संतों का अतुलनीय योगदान रहा जिसे विस्मृत नही किया जा सकता है। श्रीरामजन्मभूमि का निर्माण कार्य अपनी गति से चल रहा है जो समय से पूर्ण हो जायेगा। सोलह जनवरी से चौबीस जनवरी के मध्य गर्भ गृह में रामलला विराजमान हो जायेंगे। पूजन उत्सव में प्रत्येक राज्य की सहभागिता हो इसके लिये हर पंथ, सम्प्रदाय व जातियों से सम्पर्क आवश्यक है। प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या धाम आने वाले चार हजार संतों के लिये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भोजन व आवास की व्यवस्था की जा रही है।
बैैठक को अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री महामण्डलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रीराम सामाजिक समन्वय के अधिष्ठाता हैं। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण के लिये उनकी समस्त यात्रा हुई। एक लम्बे संघर्ष के बाद भगवान अपने सिंहासन पर आसीन होने जा रहे हैं। देश इस महा उत्सव का साक्षी बनने जा रहा है। रामभक्तों के स्वप्न की सिद्धि होने जा रही है। इस उत्सव में हर स्तर पर हम सभी सहयोगी बनें, जो कार्य प्राप्त हो उसे मंत्र मानें और क्रियान्वित करें।
बैठक का संचालन विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री, अखिल भारतीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। इससे पूर्व श्री तिवारी ने बैठक के विभिन्न संतों के सम्बन्ध में बताते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में तीर्थ क्षेत्र को हर स्तर पर संगठन का सहयोग प्राप्त है। सम्पर्क प्रमुखों द्वारा मठ मंदिरों में निवास करने वाले संतों से सम्पर्क तो होगा ही इसके अलावा वनवासी और गिरवासी क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से भी सम्पर्क होगा।
उन्होंने कहा भगवान राम ने जिस प्रकार उत्तर दक्षिण और पूरब-पश्चिम के राज्यों में निवास करने को अपने साथ जोडक़र रामराज्य की स्थापना की ठीक उसी प्रकार इस समारोह के द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र जुडऩे जा रहा है। इनमें सम्पर्क प्रमुख सहायक बनें। बैठक में केन्द्रीय मंत्री रास बिहारी सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, असम, दिल्ली, पंजाब आदि प्रांतों के प्रमुख उपस्थित रहे।