लखनऊ, योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को बड़ी सौगात दी है। ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हर घर नल योजना में सामुदायिक अंशदान का वहन अब योगी सरकार करेगी। हर घर तक नल पहुंचाने में पूंजी लागत का 10 फीसदी भाग सामुदायिक अंशदान के रूप में ग्रामीणों से लिए जाने की योजना थी, लेकिन योगी सरकार ने तय किया है कि इस राशि का बोझ आमजन पर न पड़े। इसके लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
गौरतलब है कि यूपी में जल जीवन मिशन के तहत 40951 योजनाएं स्वीकृत हैं। कुल कार्य की लागत 1,52,521.82 करोड़ है। इसमें केंद्रांश 71714.68 व राज्यांश 71714.68 करोड़ रुपये है। लागत के सापेक्ष यूपी का सामुदायिक अंशदान 9092.42 करोड़ रुपये होता है। योगी सरकार की तरफ से 2024-25 में इसके लिए 2000 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था भी की गई है। इसका लाभ उत्तर प्रदेश के लगभग 2,32,95,697 परिवारों को मिलेगा।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें निर्माण लागत के सापेक्ष सामुदायिक अंशदान की व्यवस्था थी। सामुदायिक अंशदान के तहत एससी/ एसटी आबादी वाले गांवों में पूंजीगत लागत का पांच फीसदी व अन्य गांवों में 10 प्रतिशत भाग आमजन से लिया जाना तय था, लेकिन योगी सरकार ने आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने को लोक कल्याणकारी दायित्व के रूप में मानते हुए चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराने का निर्णय लिया गया है। इससे ग्रामीणों को सामुदायिक अंशदान नहीं देना होगा।
वर्तमान में हरियाणा, बिहार, ओडिसा व पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा सामुदायिक अंशदान वहन किया जा रहा है। राजस्थान में भी मुख्यमंत्री ने इसे राज्य सरकार द्वारा वहन किये जाने की घोषणा की है, जबकि मध्य प्रदेश में यह राज्य सरकार द्वारा विचाराधीन है।
उत्तर प्रदेश में ग्रामीणों को जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल के लिए सामुदायिक अंशदान नहीं देना होगा। ग्रामीणों को सिर्फ रखरखाव के लिए 50 रुपये (वाटर टैरिफ कलेक्शन) अपनी ग्राम पंचायत को देने होंगे।