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जानिए क्यों नगालैंड को छह महीने के लिये और अशांत क्षेत्र घोषित किया गया

 

नई दिल्ली, समूचे नगालैंड को सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून  के तहत छह महीने के लिये और अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। आफस्पा सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व नोटिस के कहीं भी अभियान चलाने की शक्ति देता है। एक गजट अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि उसकी राय है कि समूचे नगालैंड का क्षेत्र ऐसे अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि असैन्य शक्ति की सहायता में सशस्त्र बलों का इस्तेमाल जरूरी है।

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 गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग ने बताया, अब, इसलिये सशस्त्र बल  कानून, 1958 की धारा तीन के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार समूचे राज्य को अधिनियम के उद्देश्यों के लिये 30 जून 2017 की अवधि से छह महीने के लिये अशांत क्षेत्र घोषित करती है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नगालैंड के विभिन्न हिस्सों में हत्या, लूटपाट और जबरन वसूली चल रही है, जिसकी वजह से पूर्वोत्तर राज्य को आफस्पा के तहत 30 जून से और छह महीने के लिये अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।

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 पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के विभिन्न संगठन विवादास्पद आफस्पा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सुरक्षा बलों को असैनिकों के खिलाफ कार्रवाई करने की व्यापक शक्तियां प्रदान करता है। नगालैंड में कई दशकों से आफस्पा लागू है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नगा विद्रोही समूह एनएससीएनआईएम महासचिव टी मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच तीन अगस्त 2015 को एक समझौते पर हस्ताक्षर होने के बावजूद इसे राज्य से हटाया नहीं गया है।

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