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सत्रहवीं लोकसभा मे इतने सांसदों ने दर्ज की दोबारा जीत, बीजेपी के इतने सांसद हुये रिपीट

नयी दिल्ली, सत्रहवीं लोकसभा मे, सोलहवीं लोकसभा के काफी संख्या मे सांसदों ने दोबारा जीत दर्ज की है।

निवर्तमान 16वीं लोकसभा के कुल 197 सांसद 17वीं लोकसभा में दोबारा सांसद चुनकर आए हैं। इनमें 27 महिला सांसद भी शामिल हैं।

किरेन रिजीजू, जुअल ओरम, राजा मोहन सिंह, नितिन गडकरी और बाबुल सुप्रियो भाजपा के मौजूदा 145 ऐसे सांसद हैं जिन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी है।

बिहार में भाजपा के 12 सांसद फिर से लोकसभा जा रहे हैं।

कांग्रेस के सुपौल के सांसद हार गए।

कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से टिकट दिया था लेकिन वह फिर से संसद का रास्ता तय नहीं कर पाए।

मौजूदा दो सांसदों को जदयू और तीन सांसदों को लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने टिकट दिया था।

यह तीनों जीतने में सफल रहे।

राजद ने भी अपने तीन सांसदों को टिकट तो दिया था लेकिन वह जीत नहीं पाए।

राष्ट्रीय राजधानी में भी पांच मौजूदा सांसद दोबारा चुने जाने में सफल रहे।

आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी ने अपने नौ सांसदों को टिकट दिया था लेकिन सिर्फ दो ही सीट पर उनके सांसद जीत पाए। वाईएसआर कांग्रेस कड़प्पा और राजमपेट सीट से जीतने में सफल रहे।

असम में भाजपा और कांग्रेस से दो-दो वर्तमान सांसद इस बार चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा के दोनों उम्मीदवार जीत गए जबकि कांग्रेस का एक उम्मीदवार ही सीट बचाने में सफल रहा। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट धुबरी सीट बचाने में सफल रहा।

राकांपा ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल पीपी को दोबारा टिकट दिया और वह जीतने में भी सफल रहे।

माकपा ने त्रिपुरा में अपने दो सांसदों को उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह दोनों ही चुनाव हार गए।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने तेलंगाना में अपने छह सांसदों को फिर से उम्मीदवार बनाया था लेकिन सिर्फ दो ही जीतने में सफल रहे।

अन्नाद्रमुक ने मौजूदा सात सांसदों को टिकट दिया था लेकिन उनमें से कोई भी जीत नहीं सका।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अपने 23 सांसदों को टिकट दिया था और उनमें से नौ अपनी सीट नहीं बचा सके। भाजपा ने दोबारा सिर्फ एक मौजूदा सांसद को टिकट दिया था और वह जीतने में सफल रहे।

राजस्थान में भाजपा ने मौजूदा 16 सांसदों को टिकट दिया था और उनमें से सभी जीतने में सफल रहे।

महाराष्ट्र में 15 में से 14 सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे। शिवसेना के 15 सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे।

इसी तरह देश के अन्य हिस्सों में कई सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे।