जाने-माने संविधान विशेषज्ञ ने, एनडीटीवी पर सीबीआई छापे की निंदा की
June 10, 2017
नई दिल्ली, जाने-माने संविधान विशेषज्ञ फली एस. नरीमन ने निजी टेलीविजन चौनल एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के आवास की तलाशी लेने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की निंदा की। नरीमन ने यहां आयोजित पत्रकारों की एक बैठक में कहा कि अपराध के लिए किसी पर कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन इस मामले में सीबीआई ने जो कारण बताया है, उससे उन्हें पूरा विश्वास हो गया है कि यह प्रेस और मीडिया की आजादी पर हमला है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो जून को एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें 2008-09 के दौरान घटी किसी घटना को लेकर रॉय, उनकी पत्नी राधिका, एनडीटीवी, आईसीआईसीआई के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। नरीमन ने कहा, इसे पहले प्रकाश में क्यों नहीं लाया गया, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। नरीमन ने कहा कि सीबीआई ने प्राथमिकी मात्र एक शिकायत पर दर्ज की, न कि किसी छानबीन या खुलासे के आधार पर।
उन्होंने कहा, एफआईआर एक निजी व्यक्ति द्वारा दी गई सूचना पर ही सिर्फ दर्ज कर दी गई। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह छापा तब मारा, जब चंद दिनों पूर्व भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को एनडीटीवी के एक शो से चले जाने को कहा गया था। पात्रा ने शो के दौरान चैनल पर एक एजेंडे के साथ काम करने का आरोप लगाया था। नरीमन ने कहा कि शिकायत मिलने के तुरंत बाद सीबीआई ने प्रणय रॉय के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर दी।
उन्होंने कहा, शिकायतकर्ता को कहा जाना चाहिए था कि वह किसी फौजदारी अदालत में शिकायत दर्ज कराए, लेकिन इसके बजाय छापे मारे गए, जो व्यापक तौर पर प्रकाशित हुआ। उन्होंने कहा, हम नागरिकों को आजादी मिली हुई है, जो दुनिया के बहुत से जगहों पर नहीं है। संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है।