नई दिल्ली, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि जिंदगीभर नौकरी करने से बेहतर पांच साल स्टार्टअप में लगाना फायदेमंद है। यह बात अमित शाह ने लखनऊ के बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय में ‘यूपी के मन की बात’ कार्यक्रम में कही।
उन्होने कहा कि जिंदगीभर नौकरी करने से बेहतर पांच साल स्टार्टअप में लगाना फायदेमंद है। लेकिन नौकरियों को भी बढ़ाना होगा। देश में होने वाले सभी परिवर्तन युवाओं ने किए हैं। यूपी में जातिवाद खत्म हो चुका है। इसका सुबूत 2014 के लोकसभा चुनाव में मिल चुके हैं। अब विधानसभा में दोहराना है। एक बार फिर यूपी ऐसे लोगों को जवाब देगा। शाह ने कहा कि जनतंत्र के जिम्मेदार नागरिक के नाते सोचना होगा कि देश कैसा हो। युवाओं को इस बारे में सोचना होगा। लोकतंत्र को जातिवाद से उपर उठाना होगा।
उन्होने कहा कि गुजरात से जब मैं यहां आया तो मुझे पता चला कि मैंने गरीबी देखी ही नहीं थी। यूपी के कई जिलों में देखा कि गरीबी क्या होती है। मैं मानता हूँ जब तक यूपी में विकास नहीं होगा देश का विकास नहीं हो सकता। शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसी आधारभूत जरूरतों को जमीन तक पहुंचाने का काम राज्य सरकार का होता है। हम एक ऐसा भारत बनाना चाहते है, जहाँ हर गाँव में 24 घंटे बिजली हो।
उन्होने कहा कि कालेधन वालों पर नकेल के लिए सरकार और कठोर कानून लेकर आएगी। शाह ने कहा कि मै लोगों की तकलीफ समझ रहा हूं। 3-4 दिन में लाइनें कम हो जाएंगी। स्याही से काफी भीड़ कम हो गई।
अमित शाह ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव को भी निशाने पर लिया। शाह ने कहा कि मैं अखिलेश जी को सुझाव देता हूं कि पढ़ाई और किताबों की कमी पर ध्यान दें, चुनाव अभी दूर है। शाह ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार में जाति के आधार पर नौकरी दी जाती है। उन्होंने तंज कसा कि यहां इतनी गुंडई है कि आपकी ज़मीन कब कोई रामवृक्ष आकर ले जाए पता नहीं चलता।
राहुल गांधी पर शाह ने कहा कि राहुल जी को शासन में आना ही नहीं है। इसलिए वो कुछ भी वचन दे सकते हैं। शाह ने मायावती पर कहा कि यहां किसी ने पुतले लगवा दिए तो किसी ने जमीन कब्ज़ा ली। कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह के जमाने में गुंडे या तो जेल में थे या यूपी के बाहर थे।
उन्होने कहा कि भाजपा चाहती है कि ये देश ‘पॉलिटिक्स आफ परफारमेंस’ की ओर बढ़े। जो काम करेगा, जनता उसे स्वीकार करेगी और जो नहीं करेगा, जनता उसे निकाल देगी।