जीएसटी की कुछ प्रक्रियायें , वैट से भी ज्यादा जटिल : वित्त मंत्री, पश्चिम बंगाल
December 23, 2017
कोलकाता, बिना उचित बुनियादी ढांचे के जीएसटी व्यवस्था लागू किये जाने से यह व्यवस्था कई मामलों में वैट व्यवस्था से भी ज्यादा पुरानी लगती है।यह बात पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कही।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि सरकार रिफंड के लिये हस्तचालित रिकार्ड और प्रक्रिया को इस्तेमाल में ला रही है। इस रिकार्ड का जीएसटी के साथ जुड़ाव नहीं किया गया है। सीमा शुल्क इलेक्ट्रानिक डेटा इंटरचेंज (ईडीआई) के साथ भी इसका सीधा संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि यही एक कारण था कि जिसके लिये उन्होंने केंद्र से जीएसटी लागू करने की तिथि को आगे बढ़ाने के लिए कहा था।
हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समस्या अस्थाई होगी और जल्द ही इसका समाधान कर लिया जायेगा। मित्रा ने कहा कि यहां तक कि राज्यों की वैट व्यवस्था में भी रिटर्न दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया में हाथ से कोई काम नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था के कारण निर्यातक रिफंड प्राप्त करने में असमर्थ है और उनकी 10 से 15 प्रतिशत की कार्यशील पूंजी अभी भी फंसी है।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने एक संसदीय समिति की ‘निर्यात पर जीएसटी का प्रभाव’ संबंधी रपट का हवाला देते हुये कहा कि निर्यातकों को रिफंड प्राप्त नहीं होने से उनके समक्ष कार्यशील पूंजी की तंगी खड़ी हो गई है। मित्रा ने कहा, ‘‘रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में कारोबार कम हुआ है। इससे रोजगार का नुकसान हुआ है। मैं लघु, मध्यम उद्यमों को लेकर काफी चिंतित हूं। असंगठित क्षेत्र को लेकर भी मेरी चिंता है क्योंकि ये उद्योग नकदी में ही काम करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि पश्चित बंगाल से 2016-17 में निर्यात कारोबार 53,649 करोड़ रुपये तक था जिसके 2019.20 में 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। वह जीएसटी संबंधी दिक्कतों के बावजूद मित्रा पश्चिम बंगाल से निर्यात बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं।