नई दिल्ली, एक जुलाई से लागू होने जा रही वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था के पहले सरकार इसके तहत कर चोरी का पता लगाने के लिए जिम्मेदार संस्था को मजबूत कर रही है। इसके साथ ही वह दो नई एजेंसियां भी गठित करेगी। इसमें एक व्यापारिक सूचना व विश्लेषण से जुड़ी होगी। जीएसटी के प्रभावी होने पर उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट जैसे अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने अपने मौजूदा केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सर्विस टैक्स फील्ड फॉर्मेशन को नई आवश्यकताओं के अनुरूप पुनर्गठित किया है। खुद सीबीईसी को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड के नाम से जाना जाएगा। इस पर जीएसटी और कस्टम गतिविधियों की निगरानी का जिम्मा होगा।
सीबीआइसी में छह सदस्य होंगे और इसका नेतृत्व चेयरमैन करेगा। ये सदस्य आइटी, विधि और अनुपालन सत्यापन, जांच पड़ताल, कर नीति, सीमा शुल्क व प्रशासन और सतर्कता के लिए होंगे। क्षेत्रीय प्रमुखों को भेजे गए एक पत्र में सीबीईसी की मानव संसाधन इकाई ने कहा कि मौजूदा केंद्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय का नया नाम जीएसटी खुफिया महानिदेशालय होगा। लेकिन नई एजेंसी के पास ज्यादा शक्तियां होंगी। इस संस्था का नेतृत्व दिल्ली में प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल करेंगे।