लाइफ में खुशी और गम व रूठने मनाने का दौर चलता रहता है।जिन्दगी उतारचढाव का नाम है, जिसमें खुशी और गम एक साथ होते हैं। पर प्यार से जीती जंग क मजा कुछ अलग ही होता है। साथी को समझें, थोड़ा खुद झुकें, थोड़ा उसे झुकाएं और खूबसूरत पलों को पालते जाएं। पति-पत्नी के बीच का प्यार खत्म क्यों हो जाता है! इसके लिए यह जानना जरूरी है कि आप वास्तव में प्यार को क्या समझते हैं। प्यार में दर्द, समझौता और त्याग भी होता है। जो प्यार करता है उसे प्यार के हर पहलू से खुद को जोड़ना होता है। जो जोड़े प्यार करते हैं उन्हें मुश्किल वक्त में एकदूसरे का साथ देना के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। यह रूठनेमनाने का नाम भी है। जब वे अपनी परेशानी और प्यार को एकदूसरे के साथ शेयर करते हैं तो फिर झुकने में हिचकिचाहट कैसी! इतना ही पाएंगी और हरदम जीतती रहेंगी। इसलिए तू जो बोले हां ता हां, तू जो बोले ना तो ना यों का फार्मूला अपनाए, फिर देखिए, चित भी आप की पट भी आप की। पर इससे प्यार खत्म नहीं होता क्योंकि जहां जुडाव है, वहां टकराव तो होगा ही। दो लोग एकदम भिन्न-भिन्न वातारण से आते हैं, अलग पारिवारिक माहौल, संस्कृति और वैल्यूज से होने की वजह से एकदम नए वाता वरण में ढलने में समय लगता है। आपसी तकरार से बचने के लिए जरूरी है कि एकदूसरे की भावनाओं को समझें, अपनी प्रौब्लम्स और खुशियों के बारे में एकदूसरे को बताएं। जब आप अपने अच्छेबुरे अनुभवों को एकदूसरे से बांटते हैं तो यकीनन, आप के बीच की दूरी समाप्त हो जाती है। सुखद दांपत्य के लिए सकारात्मक सोच विकसित करने के अलावा दिनभर में थोड़ा समय ऐसा निकालना चाहिए जब सिर्फ आप दोनों हों और आप की बातें।