चंडीगढ़, पंजाब की जेलों में बंद कैदियों में पढ़ाई के जज्बे को प्रोत्साहित करके कैदियों की ज़िंदगी में सुधार कर उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के मकसद से कैदियों को शिक्षा का माहौल मुहैया कराने के लिए हर जेल में 50 विद्यार्थियों की क्षमता के क्लासरूम शुरू किये जाने की योजना है।
शुक्रवार को यह जानकारी जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने देते हुये बताया कि जेल में शिक्षा हासिल करने को अच्छे व्यवहार सजा माफी के लिए तय मापदण्डों में शामिल करके ऐसे कैदियों को लाभ देना भी विचाराधीन है। पहले राज्य में स्थापित होने वाली हर जेल में पचास विद्यार्थियों के सामर्थ्य वाले दो से तीन कमरे बनाए जाएंगे और साथ ही भविष्य में ज्यादा कमरों की ज़रूरत हुयी तो उसकी भी पहले ही जगह निश्चित कर दी जायेगी। जेलों में बंद कैदियों के लिए पुस्तकालय की सुविधा में विस्तार किया गया है ।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को अपराध मुक्त करने के लिए वचनबद्ध है और इस राह पर व्यापक प्रयास किये गए हैं, इन प्रयासों के अंतर्गत ही जेलों में बंद कैदियों को भी सही राह पर लाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की गई हैं। मौजूदा समय जेलों में कैदियों की शैक्षिक योग्यता ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के आधार पर की गई है। शैक्षिक योग्यता ‘क’ तहत कुल 271 कैदी आते हैं जो बिल्कुल अनपढ़ हैं जिनको सरकार के एस. सी. ई. आर. टी. प्रोग्राम के द्वारा जेल में ही शिक्षा देकर पढ़ने-लिखने के समर्थ किया जाता है। इसी तरह कैटागरी ‘ख’ के अधीन उन कैदियों को रखा गया है जो कि 10वीं और 12वीं करने के इच्छुक हैं। इन कैदियों के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल के पास नाम दर्ज करवाए गए हैं, इन कैदियों की संख्या 75 है। इसी तरह कैटेगरी ‘ग’ के अधीन कुल 49 कैदी हैं, ये वे कैदी हैं जो 12वीं पास हैं और स्नातक और उच्च विद्या हासिल करने के इच्छुक हैं।
इनके नाम जगत गुरू नानक ओपन यूनिवर्सिटी पटियाला के अलग अलग पाठ्यक्रमों में दर्ज करवाए गए हैं। इसके इलावा इन कैदियों को नामी यूनिवर्सिटियों जैसे कि इगनू से भी डिग्रियाँ हासिल करने के मौके दिए जा रहे हैं।