कानपुर, सारनाथ से 24 अप्रैल को शुरू हुई धम्म यात्रा का समापन शुक्रवार को कानपुर में हुआ। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिरकत की। शाह ने अपने संबोधन में प्रदेश की समाजवादी सरकार की कानून व्यवस्था को तो आड़े हाथ लिया ही, उनके मुख्य निशाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती भी रहीं।
मंच से अपने भाषण में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सपा सरकार पर तीखे तंज कसे। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश अपना कुनबा ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो वह प्रदेश क्या संभालेंगे? घर की लड़ाई ही नहीं शांत हो रही, ऐसे में प्रदेश की कानून व्यवस्था और अत्याचार पर रोकथाम व जनता का क्या ख्याल रखेंगे?
शाह ने कहा कि प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी होने के बावजूद मायावती सपा का विरोध नहीं कर सकती क्योंकि वह खुद भ्रष्टाचार की देवी हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की जनता का विकास सम्भव नहीं है। भाजपा के अलावा यूपी का विकास कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि 10 साल तक मायावती ने उसी कांग्रेस का समर्थन किया जिसने सदैव डा0 अम्बेडकर का विरोध किया था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश का प्रभारी रहा हॅूं। यहां पर बसपा के उत्थान पर अध्ययन किया तो पता चला कि उत्तर प्रदेश महात्मा गौतम बुद्ध का प्रदेश है,बौद्ध भिक्षुओं के आर्शीवाद से दलित व अन्य पिछड़ा वर्ग एकजुट हुआ और उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी लेकिन सत्ता में आते ही मायावती महात्मा बुद्ध के सिद्धांतो को भूलकर केवल धन उगाहने तक ही सीमित रह गईं। अब भदंतों के आर्शीवाद से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
बहन जी की इस करतूत को हमने उजागर किया तो लोकसभा चुनाव में उनका सूपड़ा साफ हो गया और जनता ने भाजपा के 73 प्रत्याशियों को लोकसभा में पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अब तो बौद्ध भिक्षुओं का आर्शीवाद भाजपा को मिल गया है जिससे यह दावे के साथ कह रहा हॅूं कि उत्तर प्रदेश की अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी।
अंत में कार्यक्रम में आए दलितों से कहा कि कानपुर की धरती से ऐसा जय घोष करें कि दिल्ली में बैठी मायावती के कानों तक यह गूंज पहुंचे। कार्यक्रम का शुभांरम्भ दीप व बाबा साहब, गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ।