टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी ने साक्षात्कार नही प्रवचन दिया – कांग्रेस
September 4, 2016
नई दिल्ली, कांग्रेस पार्टी ने एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साक्षात्कार को फिक्स बताया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक प्रणव झा के साथ आयोजित प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री मोदी के इस साक्षात्कार को एक प्रवचन करार देते हुए कहा कि यह ऐसा साक्षात्कार था जिसके सवाल और जवाब दोनों प्रधानमंत्री कार्यालय ने तैयार किए थे। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री ने अपने इस प्रवचन में भी लोगों को गुमराह किया है। उन्होंने कोई भी तथ्य सही नहीं रखा है।
आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पिछले दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बताया है, लेकिन यह गलत है। विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। हम स्वागत करते हैं यदि प्रधानमंत्री श्वेत पत्र लेकर आएं। प्रधानमंत्री को अर्थव्यवस्था की जानकारी नहीं है और अधिकारियों ने भी उन्हें गलत जानकारी दी। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। लेकिन आज नौकरी मिलनी तो दूर लोगों की नौकरियां नहीं रही। हमारा प्रधानमंत्री से आग्रह है कि कार्यकाल के 27 महीने हो गए और झूठ बोलना छोड़, लोगों से सच बोलना सीखें। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पक्षपात न करने वाले बयान पर भी निशाना साधा। शर्मा ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते इन्होंने उन सभी को कुचल दिया, जिसने इनके खिलाफ आवाज उठाई। किसी पर सीबीआई रेड तो किसी को जेल भिजवाया। आज भी यही कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर पर सीबीआई का छापा उस दिन पड़ता है, जब उनकी बेटी की शादी थी। एक अखबार को जमीन देने पर मनी लॉंड्रिंग का केस करवा दिया।
हम राजनीतिक लड़ाई जरूर लड़ते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह से बदले की भावना से काम करते हैं। पूरा देश कह रहा है कि दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनकर आए तब वहां 28 हजार आरक्षित कोटे की सीटें खाली थी। संसद में बोलने के बजाय तेलंगाना में बोलते हैं कि हमें गोली मार दो, लेकिन दलितों को कुछ न कहो। घर वापसी कार्यक्रम चलाया और साक्षी महराज, नरेश बाल्यान, संगीत सोम, योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं के बोल बिगड़े हैं, उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इतना सबकुछ करने के बाद प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं सद्भावना से काम करता हूं। आज सारा तंत्र प्रधानमंत्री कार्यालय से नियंत्रण हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रवचन में कह रहे हैं कि हम सबका साथ, सबका विकास कर रहे हैं। यदि प्रधानमंत्री का विकास का तरीका ऐसा है तो हमें नहीं चाहिए ऐसा विकास।