डॉ भक्ति यादव को, उनके घर पर दिया गया, पद्मश्री सम्मान

इंदौर, 94वर्षीय डॉ भक्ति यादव को उनके घर पर पद्मश्री अलंकरण सौंपा गया।  94वर्षीय डॉ भक्ति यादव अभी तक निस्वार्थ सेवाभाव से बिना पैसे लिए महिलाओं की प्रसुति कराती थी। 
बीमारी के चलते वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में शामिल नहीं हो पाई थी इसलिए केंद्र सरकार ने उन्हें उनके घर पर ये अलंकरण देने का फैसला किया।
डॉ भक्ति यादव को, केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने राष्ट्रपति की तरफ से उन्हें इस अलंकरण से सम्मानित किया। पद्मश्री अवार्ड राष्ट्रपति द्वारा एक सम्मान समारोह में बांटे गए थे, लेकिन अधिक उम्र होने की वजह से डॉक्टर दादी उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकी थी। 94 साल की हो चुकी डॉक्टर दादी अबतक डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवा चुकी हैं। उनकी इन्हीं सेवाओं के लिए उनका पद्मश्री के लिए चयन हुआ था।

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 इस अवसर पर, डॉ  भक्ति यादव ने कहा कि उन्होंने अपना फर्ज समझकर अपना काम किया, उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी सेवा के लिए उन्हें अलंकरण मिलेगा। पदमश्री डॉ. श्रीमती भक्तिदेवी यादव के पुत्र डॉ. रमण यादव ने बताया कि माँ भक्तिदेवी यादव इन्दौर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाली पहली छात्रा थी। उन्होंने 1949 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया और 1952 में एम.बी.बी.एस. और 1962 में एम.एस. की डिग्री प्राप्त की। पिछले 20 सालों से वे बिना फीस के अपने मरीजों का इलाज कर रही है।

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