तमिल, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, मराठी और बंगाली में से कोई एक भाषा चुन सकते हैं छात्र: मुख्यमंत्री योगी

वाराणसी,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को काशी तमिल संगमम 4.0 के उद्घाटन अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश में वोकेशनल एजुकेशन के पाठ्यक्रम में अब तमिल, कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, मराठी और बंगाली भाषाओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि वोकेशनल एजुकेशन से जुड़े छात्र अपनी रुचि के अनुसार इनमें से किसी एक भाषा को चुनकर पढ़ाई कर सकेंगे और राज्य सरकार उन्हें पूरा सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम के जरिए तमिल भाषा सीखने का एक नया मंच और प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि चेट्टियार समाज पिछले दो सौ वर्षों से अधिक समय से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को पूजन सामग्री उपलब्ध कराता आ रहा है। काशी के केदार घाट, हनुमान घाट और हरिश्चंद्र घाट के आसपास आज भी तमिल संस्कृति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर का मुख्य द्वार आदि शंकराचार्य और जगद्गुरु रामानंदाचार्य के नाम पर है, जबकि अन्य तीन द्वार उन दक्षिण भारतीय ऋषि-संतों के नाम पर हैं जिन्होंने दक्षिण भारत में भगवान राम की भक्ति का गान किया था। बृहस्पति कुंड में इन तीनों महान संतों की प्रतिमाएँ भी स्थापित की गई हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के बाद भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को नई ऊर्जा मिली है। पिछले चार वर्षों में 26 करोड़ से अधिक श्रद्धालु काशी दर्शन को आए हैं, जिनमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं की है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर साल रामेश्वरम, मदुरै और कन्याकुमारी के दर्शन के लिए जाते हैं। राज्य सरकार अब पर्यटन विभाग के माध्यम से इन पवित्र स्थलों की यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था करेगी और रियायती दरों पर यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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