नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के निकट निर्माणाधीन बहुमंजिला कार पार्किंग को गिराने के अपने आदेश पर आज रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने प्राधिकारियों को निर्माण स्थल पर यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश देते हुये कहा कि यहां अभी और आगे निर्माण नहीं किया जायेगा। ताजमहल के पूर्वी द्वार से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बहुमंजिला पार्किग स्थल का निर्माण हो रहा है।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि ताज ट्रैपेजियम क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण और संरक्षण के बारे में सरकार की विस्तृत नीति पेश की जाये। ताज ट्रैपेजियम क्षेत्र ऐतिहासिक ताजमहल के आसपास 10,400 किलोमीटर का दायरा है ओर इसका उद्देश्य इस प्राचीन स्मारक को संरक्षण प्रदान करना है।
मेहता ने पीठ से कहा कि सरकार ताजमहल के संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध है और वह इस संबंध में विस्तृत नीति पेश करेंगे। इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर के लिये स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने 24 अक्तूबर को अपने आदेश में ताजमहल के निकट निर्माणाधीन इस बहुमंजिला कार पार्किग स्थल को गिराने का निर्देश दिया था।
न्यायालय ताजमहल को प्रदूषण और विषाक्त गैसों के दुष्प्रभावों से बचाने के लिये 1985 में दायर पर्यावरणविद अधिवक्ता महेश चन्द्र की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। न्यायालय इस ऐतिहासिक स्मारक को प्रदूषण से बचाने के लिये इसके आसपास होने वाली विकास की गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। इस संबंध में न्यायालय पहले भी अनेक निर्देश दे चुका है।