हैदराबाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का खुलकर समर्थन करने वाले जफर सरेशवाला ने कहा है कि एक बार में तीन तलाक देना, कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को और साथ ही समान नागरिक संहिता को वार्ता के जरिये हल किया जा सकता है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सरेशवाला ने बताया, मेरा रास्ता बैठकर बातचीत करने का है। मुस्लिम समुदाय के लोग भी सरकार से संपर्क कर सकते हैं। जब कोई संचार नहीं होता है, गलत नजरिया बन जाया करते हैं। अगर आप बातचीत के लिए बैठें तो 70 प्रतिशत चीजें खत्म हो जाएंगी। तीन बार तलाक पर उन्होंने कहा कि पाक कुरान के मुताबिक, तलाक एक प्रक्रिया है और निकाह आदमी और औरत के बीच एक समझौता है।
कुरान में तलाक के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। यह एक प्रक्रिया है। एक बार में तीन तलाक, एसएमएस या टेलीफोन पर तलाक कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है। वास्तव में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी यह कहता है। उन्होंने कहा, जो लोग तीन तलाक को लेकर केन्द्र के नजरिये के लिए या इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। आम आदमी को नहीं पता कि वे किसके लिए आंदोलन कर रहे हैं। ये ऐसे मुद्दे नहीं हैं जिन्हें सड़कों पर लाया जाना चाहिए। हमें उचित बातचीत करनी चाहिए। समान नागरिक संहिता पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विचार तभी व्यक्त किए जा सकते हैं जब इस संहिता का मसौदा सामने आए।