दमदार लिवाली से शेयर बाजार में उछाल

मुंबई, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बीते दिवस भारी बिकवाली से कोहराम झेल चुके घरेलू शेयर बाजार ने आज नीचे भाव पर मजबूत शुरुआत की और चौतरफा दमदार लिवाली की बदौलत दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी करीब एक प्रतिशत उछल गए।

बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स खबर लिखे जाने तक 744.94 अंक अर्थात 0.92 प्रतिशत की छलांग लगाकर 81,931.38 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 220.35 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,904.25 अंक पर पहुंच गया।

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 141 अंक की तेजी के साथ 81,327.61 अंक पर खुला और खबर लिखे जाने तक 81,255.73 अंक के निचले जबकि 81,950.12 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा। इसी तरह निफ्टी भी 60 अंक चढ़कर 24,744.25 अंक पर खुला और 24,692.65 अंक के निचले जबकि 24,941.70 अंक के उच्चतम स्तर पर रहा।

विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में बढ़ती अनिश्चितता और जोखिम ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। एफआईआई द्वारा मंगलवार को 10,016 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली मई में अब तक की उनकी मजबूत खरीददारी के बिल्कुल विपरीत मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह बिकवाली का रुझान जारी रहा, तो बाजार पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है।

एफआईआई गतिविधियों में इस अचानक बदलाव के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारकों का सम्मिलित असर देखा जा रहा है। इनमें अमेरिका की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में गिरावट और इसके चलते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेज उछाल प्रमुख है। इसके अलावा जापान में 30-वर्षीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड 3.14 प्रतिशत तक पहुंच गई है जबकि अमेरिका की 30-वर्षीय यील्ड हाल ही में पांच प्रतिशत तक बढ़ गई थी। इन दोनों घटनाओं ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में बेचैनी पैदा कर दी है।

इसके अलावा भारत के कुछ हिस्सों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि और ईरान पर संभावित इज़राइल हमले की अटकलों ने भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। ऐसे माहौल में निवेशक घटनाओं के और स्पष्ट होने का इंतजार कर सकते हैं, जिससे निकट अवधि में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।

हालांकि, इन घटनाओं का तात्कालिक प्रभाव सीमित हो सकता है लेकिन इसके मध्यम और दीर्घकालिक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्कता बरतने और पोर्टफोलियो प्रबंधन में सावधानी रखने की सलाह दे रहे हैं।

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