लखनऊ, राजधानी में ठाकुरगंज के हाजी कॉलोनी में एक घर में छिपे आतंकी सैफुल्लाह को आखिरकार दस घण्टे तक चले ऑपरेशन के बाद एण्टी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने मार गिराया। इससे पहले पूरी कोशिश की जा रही थी कि आतंकी को जिन्दा पकड़ा जा सके, लेकिन आतंकी द्वारा समर्पण से इनकार और फायरिंग करने के बाद एटीएस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
एडीजी लॉ एण्ड आर्डर दलजीत चौधरी ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले आलाधिकारी स्वयं मकान में आतंकियों की संख्या को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे थे। शाम तक मकान में एक आतंकी के होने की बात कही जा रही थी, जबकि देर रात होते-होते एडीजी लॉ एण्ड आर्डर ने मकान में दो आतंकी होने की पुष्टि की। हालांकि रात तीन बजे के बाद इस ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद आईजी एसटीएफ असीम अरूण ने बताया कि अन्धेरा होने के बाद हमने अपने जिन कैमरों के जरिए मकान के अन्दर की जानकारी ली थी, उसमें स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रही थी।
ऐसा लग रहा था कि कमरे में दो आतंकी मौजूद हैं। इसीलिए हम दोनों की गिरफ्तारी की ही योजना बनाकर ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने बताया कि हालांकि कार्रवाई के दौरान एक ही आतंकी सैफुल्लाह मौके पर पाया गया, उसने कमाण्डो पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। आईजी एसटीएफ ने बताया कि हमारा ऑपरेशन पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि मृत आतंकी आईएसआईएस का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। इसकी उम्र लगभग 23 से 24 वर्ष के बीच है।
आतंकी की पीठ पर एक बैग मिला है, जिसमें विस्फोटक होने की आशंका है, क्योंकि इसमें तार नजर आ रहे हैं। हालांकि हम पूरी जांच के बाद ही विस्फोटक को लेकर कुछ कहने की स्थिति में होंगे। मौके पर बुलायी फारेन्सिक टीम और डॉग स्क्वायड मकान खंगालने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि हमने पूरी कोशिश की लेकिन आतंकी को जिन्दा नहीं पकड़ सके। हालांकि ऑपरेशन में किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं होने से हमें सन्तुष्टि भी है। उन्होंने बताया इस पूरे मामले में विभिन्न पहुलओं को लेकर छानबीन की जा रही है, जिसकी जानकारी होने पर स्थिति स्पष्ट की जायेगी।
इससे पहले एटीएस को जानकारी मिली कि मलिहाबाद निवासी बादशाह खान के मकान में कुछ खतरनाक आतंकी छिपे हैं। बादशाह खान सऊदी अरब में नौकरी करता है। इस सूचना पर पहुंचे एटीएस के बीस कमांडो ने आस-पास के मकानों पर घेराबन्दी कर ली और आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन अन्दर से उन पर कई राउण्ड फायरिंग शुरू हो गयी। इसके बाद एटीएस ने भी जवाबी फायरिंग और ऑपरेशन को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। इसके तहत जब कमाण्डों ने मकान में दाखिल होने की कोशिश की तो सैफुल्लाह ने खुद को एक कमरे में बन्द कर लिया और फायरिंग शुरू कर दी।
एटीएस कमाण्डों ने मकान में आंसू गैस के गोले भी दागे। बाद में मिर्ची बम का इस्तेमाल किया। इस पर भी सफलता नहीं मिलने पर आधा दर्जन लोगों को बुलाकर हैमर और ड्रिल मशीन से मकान की छत और दीवार में चार-चार इंच के सुराख किए गए। इसके बाद नाइट विजन कैमरों के जरिए अन्दर की जानकारी जुटाई गई और आखिरकार ऑपरेशन को पूरी तरह से अंजाम दिया गया।
इस पूरे मामले में एडीजी लॉ एण्ड आर्डर दलजीत चौधरी ने बताया कि जब आतंकी का घेराव कर आत्मसमर्पण करने को बोला गया तो उसने कहा कि मैं शहादत हासिल करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि इस शख्स का पूरी तरह से ब्रेन वॉश किया गया है। इसे बेहद जबरदस्त तरीके से गुमराह किया गया है। वहीं इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने दुबग्गा चौकी इंचार्ज को निलम्बित कर दिया है। इस मामले में संदिग्ध आतंकी का वेरिफिकेशन में लापरवाही के चलते यह कार्रवाई की गई है। आतंकी डेढ़ महीने से इसी इलाके में था।