बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 307.09 अंक अर्थात 0.4 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 81381.36 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 50.35 अंक यानी 0.2 प्रतिशत उतरकर 24964.25 अंक पर रहा।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली हुई। इससे मिडकैप 530.12 अंक अर्थात 1.12 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 48436.86 अंक और स्मॉलकैप 654.78 अंक यानी 1.2 प्रतिशत उछलकर 56600.09 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह विश्व बाजार का रुझान कमजोर रहा। भारतीय बाजार वर्तमान में प्रीमियम मूल्यांकन और दूसरी तिमाही के सुस्त नतीजों के कारण सुदृढीकरण के चरण में है। इसके विपरीत विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) चीन के प्रोत्साहन उपायों और कम मूल्यांकन से चीनी बाजारों में आर्बिट्रेज अवसरों का लाभ उठा रहे हैं। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा तथा उसके निर्णयों से निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना का संकेत नहीं मिलता है।
इस बीच हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीद से अधिक बेहतर प्रदर्शन से घरेलू बाजार में आशा की लहर दौड़ गई। इससे सेंसेक्स ने कुछ लचीलापन दिखाया और वापस उछलने का प्रयास किया तथा निफ्टी 50 सूचकांक को 24,800 अंक के स्तर पर समर्थन मिला। हालांकि यह समर्थन अस्थायी बना हुआ है, जिससे इसके मध्यवर्ती स्तर पर होने का जोखिम बना हुआ है। बीते सप्ताह बाजार अपनी तेजी को बरकरार नहीं रख सका और निफ्टी50 25,000 अंक से नीचे बंद हुआ।
अमेरिकी मुद्रास्फीति में अप्रत्याशित वृद्धि और जारी भू-राजनीतिक चुनौतियों के कारण अमेरिका में 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड में हाल में हुई वृद्धि ने एफआईआई को अधिक सस्ते बाजारों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया है। इस प्रवृत्ति से अल्प अवधि में इक्विटी परिसंपत्ति का प्रदर्शन प्रभावित होने की उम्मीद है।
अगले सप्ताह निवेशकों की वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के परिणामों पर पैनी नजर रहेगी। दूसरी तिमाही के परिणाम के तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कमजोर प्रदर्शन रहने का अनुमान है। गिरावट का जोखिम बढ़ रहा है, जिससे अल्प से मध्यम अवधि में भारत का प्रीमियम मूल्यांकन कम हो सकता है। अगले सप्ताह रिलायंस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक, नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक, महाराष्ट्र बैंक, सीआईएल, बजाज ऑटो और क्रिसिल समेत कई दिग्गज कंपनियों की दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं।
बीते सप्ताह शेयर बाजार में दो दिन तेजी जबकि दिन दिन गिरावट रही। इजराइल-ईरान तनाव और चीन के प्रोत्साहन पैकेज के दबाव में स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से सोमवार को सेंसेक्स 638.45 अंक का गोता लगाकर करीब डेढ़ माह के निचले स्तर 81,050.00 अंक पर आ गया। इसी तरह निफ्टी 218.85 अंक की गिरावट लेकर 24,795.75 अंक पर बंद हुआ।
मध्य-पश्चिम संघर्ष को लेकर विश्व बाजार में गिरावट रहने के बावजूद स्थानीय स्तर पर दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मजबूत परिणाम रहने की उम्मीद में हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 584.81 अंक उछलकर 81,634.81 अंक और निफ्टी 217.40 अंक की छलांग लगाकर 25,013.15 अंक पर पहुंच गया।
आरबीआई से ब्याज दर में कटौती किये जाने की उम्मीद लगाए निवेशकों को लगातार दसवीं बार निराशा हाथ लगने का असर बुधवार को शेयर बाजार में बिकवाली के रूप में दिखा। इससे निराश निवेशकों की ऊर्जा, एफएमसीजी और तेल एवं गैस समेत चार समूहों में हुई बिकवाली से सेंसेक्स 167.71 अंक की गिरावट लेकर 81,467.10 अंक और निफ्टी 31.20 अंक फिसलकर 24,981.95 अंक पर बंद हुआ।
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर वित्तीय सेवाएं, यूटिलिटीज, बैंकिंग और पावर समेत बारह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 144.31 अंक की छलांग लगाकर 81,611.41 अंक और निफ्टी 16.50 अंक की बढ़त लेकर 24,998.45 अंक हो गया।
विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज़ (टीसीएस) के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम उम्मीद से कमजोर रहने से टीसीएस, महिंद्रा एंड महिंद्रा आईसीआईसीआई बैंक और मारुति समेत चौदह कंपनियों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 230.05 अंक की गिरावट लेकर 81,381.36 अंक और निफ्टी 34.20 अंक फिसलकर 24,964.25 अंक पर बंद हुआ।