लखनऊ, यूपी में चुनाव फरवरी में होंगे इसको देखते हुए अधिसूचना दिसंबर में जारी कर दी जाएगी। इसके संकेत चुनाव आयोग से मिलने लगे हैं। आयोग के उच्चाधिकारी की मानें तो चुनाव में समाजवादी पार्टी और बीएसपी पर गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं। गड़बड़ियों का केंद्र जिलों के थाने और थानेदार होते हैं। प्रदेश में चुनाव आते ही समाजवादी पार्टी और बीएसपी के बाहुबलियों के क्रियाकलाप बढ़ जाते हैं। चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए आयोग थानों पर नजर रखेगी। हालांकि अभी चुनाव की तारिख घोषित नहीं की गई है लेकिन अधिसूचना जारी करने के लिए दिसंबर का इंतजार किया जा रहा है।
सूत्रों का दावा है की पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले होंगे। बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान भी रखा जाएगा।ऐसा माना जा रहा है की यूपी में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं मार्च के पहले हफ्ते के बाद शुरू होंगे।परीक्षा अगर अप्रैल तक टलते हैं तो गर्मी की दिक्कत होती है। इसके साथ ही गेंहू की कटाई भी प्रभावित होती है। दिसंबर में जारी हो सकती है अधिसूचना मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी की अगुवाई में आए चुनाव आयोग ने 25 से 27 सितंबर के बीच लखनऊ में पुलिस प्रशासन के अफसरों के साथ बैठकें की। इन बैठकों में चुनाव फरवरी 2017 में कराने की बात कही गई।
विस चुनाव के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। दिसंबर तक अधिसूचना भी आ सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद पहले चक्र के लिए सात दिन नामांकन के लिए, आठवां दिन जांच के लिए, दसवें दिन नाम वापसी के लिए दी जाएगी। प्रचार के लिए 14 दिन दिए जाएंगे। इसके बाद 24वें और 25 वें दिन मतदान करवाया जा सकता है। हर चक्र में पांच-पांच दिन का अंतर रखा जायेगा।
साल 2012 की तरह करेंगे काम मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार 2012 में प्रदेश में सात चक्रों में विस चुनाव हुएथे। इसमें आठ मार्च को मतगणना हुई थी। इसके बाद मार्च को सरकार ने शपथ लिया लिया था। फेसबुक पर चुनाव आयोग रखेगा नजर चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल गलत तरह से प्रचार-प्रसार न करे इसको लेकर चुनाव आयोग की नजर इस बार फेसबुक, ट्वीटर अकाउंट, यू ट्यूब जैसे सोशल मीडिया माध्यमों पर भी होगा। आयोग फेसबुक से धनबल और बाहुबलियों पर अपनी नजरें पैनी रखेगा। इस साल थानों में बड़ी गड़बड़ी की आशंका मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि इस साल थानों में काफी गड़बड़ी की संभावना है। इसलिए चुनाव के समय और पहले से ही प्रदेश के थानों पर नजर रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस साल सारा फोकस थानों पर ही होगा। उन्होंने आशंका जताई है की इस बार थानों में बड़ी गड़बड़ियां हो सकती हैं। थाने ही चुनाव में गड़बड़ियों के सबसे बड़े अड्डे हैं। अगर थाने सही नहीं होंगे तो चुनाव सही नहीं होंगे। तैयारियां शुरू कुछ महीनों बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसके चलते चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलों के जिम्मेदार अफसर बैठकर रणनीति बना रहे हैं।
नसीम जैदी ने बताया कि इस बार पुलिस स्टेशन स्टार की निगरानी की जायेगी। बीएसपी और समाजवादी पार्टी पर लगते रहे हैं आरोप चुनाव आयोग की मानें तो बीएसपी और समाजवादी पार्टी की सरकारों पर ये आरोप लगते रहे हैं की सत्ता में आने पर विशेष जातियों के पुलिस वालों को सारे प्रमुख थानों का इंचार्ज बना दिया जाता है। अखिलेश सरकार पर भी एक विशेष जाति के थानेदारों को बहाल करने के आरोप लगे हैं। यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि इस बार चुनाव में थाने स्तर पर किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए चुनाव आयोग के सख्त निर्देश आये हैं। इस पर हम नजर रखेंगे। थानों में तुरंत फेरबदल करना मुश्किल है क्योंकि त्योहारों का मौसम शरू हो गया है। त्यौहार खत्म होते ही थानों में बड़े फेरबदल होंगे।